महानाट्य राष्ट्रपुरुष अटल’ का प्रदर्शन, दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन पर भी हुआ था मंचन
IamBhopal भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता गीत नया गाता हूं... जैसी कई कविताओं से गुरुवार को रवींद्र भवन का सभागार गुंजायमान था। मौका था, महानाट्य राष्ट्रपुरुष अटल के प्रदर्शन का। लेखिका रंजना चितले द्वारा लिखित इस नाट्य का निर्देशन प्रियंका शक्ति ठाकुर ने किया, जिसकी प्रस्तुति बहुउद्देशीय सामाजिक नाट्य संस्था के कलाकारों ने दी। यह प्रस्तुति लाइट एंड साउंड शो के रूप में थी, जिसमें संवाद रिकॉर्डेड थे। अटलजी के जीवन पर केंद्रित यह प्रस्तुति भोपाल में पहली बार मंचित हुई। इससे पहले यह प्रस्तुति नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन के मौके पर दी जा चुकी है। इसमें कलाकारों ने अटलजी के जन्म से लेकर छात्र जीवन, राजनीति में उनका संघर्ष, जनसंघ की स्थापना, पोखरण परमाणु परीक्षण, संसद में प्रधानमंत्री का प्रतिनिधित्व आदि कई महत्वपूर्ण दृश्यों को बड़े ही खूबसूरती से मंच पर दिखाया। प्रस्तुति के दौरान फायर इफेक्ट लाइट के जरिए दिखाए। वहीं परमाणु परीक्षण के दौरान होने वाले साउंड और रोशनी को भी संगीत व इफेक्ट्स के जरिए दिखाया। कार्यक्रम का आयोजन मप्र संस्कृति विभाग और स्वराज संस्थान संचालनालाय की ओर से किया गया। इस अवसर पर संघ क्षेत्र, सरकार्यवाहक हेमंत मुक्तिबोध, संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी, प्रशांत खिरवड़कर, उस्ताद अलाउद्दीन कला अकादमी के निदेशक जयंत भीसे, स्वराज संस्थान के सहायक संचालक संतोष वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
बीमारी में भी दी कई कलाकारों ने प्रस्तुति
साल तक की उम्र के कलाकारों ने अभिनय किया है। शो में 3-4 कलाकार ऐसे रहे जो बीमार थे। उन्हें चक्कर भी आ रहे थे,लेकिन शो के लिए सब मजबूती से खड़े रहे। सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन पर भी इसका मंचन हो चुका है। प्रियंका शक्ति ठाकुर, निर्देशक
जिंदगी का 80 फीसदी हिस्सा थिएटर में बीता
किसी और ने अटलजी का रोल नहीं किया। मैं 1978 से थिएटर कर रहा हूं। लाइव थिएटर में मेरी 80 प्रतिशत जिंदगी गुजरी चुकी है, मेरे पास महाराष्ट्र सरकार के तीन एक्टिंग मेडल हैं। विनोद एस. राउत, कलाकार
कविताओं ने दिलाई अटलजी की याद
नाटक में अटल बिहारी वाजपेयी की कई प्रमुख कविताएं को सुनने का मौका श्रोताओं को मिला। इनमें गीत नया गाता हूं..., कदम मिलाकर चलना होगा..., बाधाएं आती हैं आएं..., पुन: चमकेगा दिनकर आजादी का दिन मना... जैसी कविताओं ने प्रस्तुति को प्रभावी बनाया। तो वहीं,कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को यादगार बना दिया।
कार्डबोर्ड से बनाईं ऐतिहासिक इमारतें
महानाट्य में मंच परिकल्पना दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनी। एक ओर जहां मंच पर लगी स्क्रीन के माध्यम से अटलजी के जीवन के कई प्रमुख दृश्यों का प्रदर्शन किया गया, वहीं दूसरी ओर मंच पर कार्डबोर्ड से खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतों को दिखाया गया। इसके अलावा इमरजेंसी और उस समय के हालातों को प्रदर्शित किया गया।