अधिकारी बताता है... करदाता ने की कम से कम एक करोड़ की टैक्स चोरी
इंदौर। किसी भी सर्च ऑपरेशन को करने के पहले सर्च अधिकारी को कम से कम 1 करोड़ के टैक्स एवेजन की प्री सर्च अप्रेजल बनाना होती है, यानि अधिकारी को विभाग को डॉक्यूमेंट्री एविडेंस के साथ यह प्रूव करना होता है कि उक्त करदाता ने कम से कम 1 करोड़ की टैक्स चोरी की है। विभाग के समक्ष बयान दर्ज कराते समय करदाता को सोच-समझकर बयान देना चाहिए।
यह कहना रहा वरिष्ठ आयकर विशेषज्ञ एडवोकेट महेश अग्रवाल का। अवसर था टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसो. और इंदौर सीए शाखा द्वारा आयकर सर्च एवं सर्वे विषय पर आयोजित सेमिनार का। एड. महेश के अनुसार 500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर बैठे व्यक्ति को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर्सनल स्टेटमेंट के लिए नहीं बुला सकता। यदि दोनों स्थान जहां पर जिसे बुलाया जाना है और विभाग जहां आना है पर एयरपोर्ट सुविधा है तो अधिक दूरी होने के बावजूद विभाग संबंधित को बुला सकते हैं बशर्ते उक्त शख्स को एयरफेयर देना होगा। करदाता को विभाग के समक्ष बयान दर्ज कराते समय बहुत सोच-समझकर एवं सावधानी से बयान दर्ज करवाना चाहिए। एक बार बयान दर्ज कराने के पश्चात यदि करदाता को यह लगता है कि विभाग ने दबाव में बयान लिया है तो करदाता एफिडेविट फाइल कर ऐसे बयान के विरुद्ध आपत्ति दर्ज करा सकता है। ज्वेलरी के केस में प्रति विवाहित महिला 500 ग्राम, 250 ग्राम प्रति अविवाहित महिला और 100 ग्राम प्रति पुरुष तक की लिमिट तक ज्वेलरी जब्त नहीं की जा सकती है।
टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया कि सर्च के दौरान करदाता अपने बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं। विभागीय अधिकारियों को बच्चों के बैग चेक करने का अधिकार है। कार्यक्रम में सीए शैलेंद्रसिंह सोलंकी, सीए आनंद जैन, सीए अतिशय खासगीवाला, एड. सुमित नेमा, सीए पीडी नागर सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।