विदिशा के विजय मंदिर की तर्ज पर बनी है नई संसद ...

विदिशा के विजय मंदिर की तर्ज पर बनी है नई संसद ...

नई दिल्ली। भारत की सबसे शक्तिशाली इमारत संसद का इतिहास आजादी के पहले से मध्यप्रदेश से जुड़ा है और आगे भी जुड़ा रहेगा। वर्तमान संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के मुरैना चौसठ योगिनी मंदिर के डिजाइन की तर्ज पर हुआ है, जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने बनाया था। अब नए संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित एक मंदिर की तर्ज पर होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर पुष्टि नहीं की गई है। इतिहासकारों के अनुसार, विदिशा में स्थित विजय मंदिर देश के विशालतम मंदिरों में गिना जाता है। इसका निर्माण चालुक्यवंशी राजा ने विदिशा विजय को चिरस्थाई बनाने यहां पर भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का मंदिर बनवाया था। 10वीं व 11वीं शताब्दी में परमार राजाओं ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त किया था। इसके बाद मठा राजाओं ने निर्माण कराया था।

नए संसद भवन की खासियत

♦ नई संसद में पीएम ब्लॉक एकदम अलग है।

♦ मौजूदा संसद भवन में सिर्फ कैबिनेट मंत्रियों के ही चैंबर हैं।

♦ नई संसद में राज्य मंत्रियों का भी अपना कमरा होगा।

♦ करीब 800 सांसदों के बैठने की व्यवस्था अलग से बनाई गई है।

♦ श्रम शक्ति भवन की जगह सांसदों का लाउंज बनेगा।

♦ नई संसद में एंट्री के लिए सिर्फ बायोमेट्रिक पास चलेगा।

♦ सांसदों के लिए भी और स्टाफ के लिए नया पास बनेगा।

♦ सांसद फूड ऐप के जरिये कैंटीन से खाना मंगा सकेंगे।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नया भवन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को नई संसद का उद्घाटन करेंगे। नई संसद अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। सदन में हर सांसद की सीट के आगे मल्टीमीडिया डिस्प्ले लगा हुआ है। साथ ही संसद को त्रिकोणीय आकार में डिजाइन किया गया है। नई संसद के लोकसभा में 888 सांसद बैठ सकते हैं, जबकि राज्यसभा में 384 सांसदों के बैठने की सुविधा है। हरे रंग की थीम वाली जगह लोकसभा है। नए लोकसभा हॉल में संयुक्त सत्रों के लिए 1,272 सीटें हो सकती हैं। इसके फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर रखा गया है। बता दें, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 10 दिसंबर, 2020 को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया था।

ऐसी है बैठक व्यवस्था

♦ नई लोकसभा में धम्म चक्र के ठीक नीचे स्पीकर का आसन है।

♦ आसन के बायीं तरफ यानी प्रधानमंत्री की कुर्सी के ठीक सामने लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बैठेंगे। (पीछे की सीटें) सदन की इन सीटों पर लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के सदस्य बैठेंगे।

♦ लोकसभा में प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष का एक-दूसरे से आई टू आई कॉन्टैक्ट होगा।

♦ सांसदों के बैठने की जगह के ऊपर किनारे-किनारे दर्शक दीर्घा है, जहां पत्रकार व पार्लियामेंट की प्रोसिडिंग्स देखने आए मेहमान बैठ सकते हैं।