न्यायालय का नया भवन न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : राज्यपाल

न्यायालय का नया भवन न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : राज्यपाल

ग्वालियर। 115 करोड़ की लागत से बने नए जिला व सत्र न्यायालय के छह मंजिला भवन का लोकार्पण रविवार को हो गया। लोकार्पण समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी व न्यायमूर्ति एससी शर्मा, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ एवं उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति रोहित आर्या विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि न्यायालय केवल भवन नहीं होता बल्कि न्याय का मंदिर होता है। मंदिर में आने वाले गरीब, शोषित और जरूरतमंद व्यक्तियों को समय पर न्याय मिले, यह जरूरी है।

जिला एवं सत्र न्यायालय का नया भवन जरूरतमंदों को न्याय उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका यह तीनों लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं। ग्वालियर में जिला एवं सत्र न्यायालय का आधुनिक भवन बनकर तैयार हुआ है। आधुनिक भवन में आने वाले लोगों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध होंगीं। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, विधायक मोहन सिंह राठौर, पूर्व मंत्री माया सिंह, ध्यानेन्द्र सिंह जन- प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में न्यायाधीशगण और अधिवक्तागण समारोह में शामिल हुए।

ग्वालियर में न्याय का 150 साल पुराना इतिहास है

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर को आज न्याय की क्षमता, शासन की क्षमता और बौद्धिक क्षमता के क्षेत्र में तीन बड़ी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। ग्वालियर में न्याय का 150 साल पुराना इतिहास है। माधवराव सिंधिया द्वितीय के द्वारा दरबार पॉलिसी लागू की गई थी, जिसके 12 वॉल्यूम थे और सभी क्षेत्रों में न्याय मिले, इसकी व्यवस्था सिंधिया रियासत में लागू की गई थी।

क्या बोले न्यायाधीश

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी ने कहा कि न्याय के लिये केवल भवन ही नहीं बल्कि न्याय दर्शन पर भी कार्य किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने कहा कि न्यायालयों के भवनों के निर्माण का कार्य मध्यप्रदेश में तेजी से हुआ है। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए, इससे लोगों को समय पर न्याय मिल सके। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ ने कहा कि ग्वालियर का नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां पर पक्षकार को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उच्च न्यायालय ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति रोहित आर्या ने कहा कि नागरिकों को बेहतर सुविधाओं के साथ न्यायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्वालियर में 69 हजार 584 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में नवीन जिला एवं सत्र न्यायालय का निर्माण किया गया है।