ठंडे बस्ते में चला गया है हजार बिस्तर से जेएएच के पुराने अस्पतालों को जोड़ने का मामला
ग्वालियर। हजार बिस्तर के अस्पताल को शुरू हुए करीब आधा साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन 400 करोड़ रुपए की लागत से बने इस अस्पताल को जेएएच के अस्पतालों से जोड़ने वाली सड़क का फैसला है कि एक बार फिर से ठंडे बस्ते में चला गया है जबकि अस्पताल को प्रारंभ हुए करीब 6 महीने से अधिक का समय बीत चुका है और यह मांग अस्पताल के शुरू होने से पहले ही डॉक्टर्स यह मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसी की वजह से मरीज से लेकर डॉक्टरों तक सभी परेशान हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक अब यह मामला जनप्रतिनिधियों के बीच में अटका हुआ है, जिसके चलते अब इस मामले में प्रबंधन भी कतरा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में तीन विकल्पों पर शुरूआत से बात की जा रही है कि इस रोड को बंद करके दोनों अस्पतालों को आपस जोड़ दिया जाए, दूसरा अंडर ब्रिज एवं तीसरा फुटओवर ब्रिज बनने का है।
जूडा ने भी की थी मांग, किया था चक्काजाम
दोनों अस्पतालों को जोड़ने की मांग को लेकर जीआरएमसी के जूनियर डॉक्टर भी आंदोलन कर चुके हैं, क्योंकि इस रोड पर जीआरएमसी के जूनियर डॉक्टर का बड़ा एक्सीडेंट हो गया था और इससे खफा जूनियर डॉक्टर्स ने आंदोलन के दौरान चक्काजाम भी किया था जूडा के पदाधिकारी स्वयं मान रहे हैं कि उनकी मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
प्रबंधन खुद दो गेट किए हुए हैं बंद
जीआरएसमी प्रबंधन के डॉक्टर दोनों अस्पताल को जोड़ने के लिए रोड को बंद किए जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रबंधन खुद अस्पताल के दो गेटों को बंद किए हैं जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधन को डॉक्टरों की परेशानी तो नजर आ रही है, लेकिन मरीजों की समस्या उन्हें नजर नहीं आ रही है जिसकी वजह से कमलाराजा अस्पताल सहित, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को लंबा चक्कर खाकर जाना पड़ रहा है।