मेले की लाइट कटी, उखड़ने लगा मेला, 1550 करोड़ का हुआ व्यापार
ग्वालियर। मंगलवार को व्यापार मेले के समापन के बाद प्राधिकरण द्वारा बुधवार की दोपहर में मेले की लाइट काट दी गई। मेला व्यापारियों द्वारा दो दिन के लिए और लाइट की मांग जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं होने से कारोबारी खफा नजर आ रहे हैं।
इसी मांग को लेकर व्यापारी मेला प्राधिकरण के ऑफिस पर मंगलवार की देर रात पहुंचे थे, इस दौरान मंत्री द्वारा आश्वासन देने के बाद बिजली के कनेक्शन काटने से मेले के व्यापारी खफा हैं। मेला व्यवसायी संघ के अध्यक्ष एवं सचिव के शहर के बाहर होने कारण व्यापारी कोई बढ़ा प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन वह मांगें पूरी नहीं हो पाने पर प्राधिकरण को कोसते नजर आए। इसके साथ ही मेले की लाइट कटने के बाद व्यापारियों द्वारा मेला से दुकानें हटाने का काम प्रारंभ कर दिया है, झूला सेक्टर में कई झूले खुल चुके हैं। हालांकि अभी कुछ दिन और मेले में सैलानियों सस्ती खरीद करने पहुंचने वाले हैं, दूसरी ओर मेला प्राधिकरण के सचिव निरंजन लाल श्रीवास्तव का कहना है कि हमारी ओर से मेला समाप्त हो गया है अब व्यापारियों को समान हटाने का समय दिया गया है।
व्यापार मेले में बिके 22 हजार 747 वाहन
व्यापार मेले में कुल 22 हजार 747 वाहनों की बिक्री हुई है। इनमें 11 हजार 948 दुपहिया और 10 हजार 799 चार पहिया व हलके परिवहन वाहन शामिल हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा इन सभी वाहनों का सत्यापन कर वाहन 4 पोर्टल पर दर्ज किए गए। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एचके सिंह ने बताया कि मेले में बिके वाहनों पर विभाग द्वारा 71 करोड़ 48 हजार रुपए की मोटरयान पर छूट प्रदान की गई। वाहनों के पंजीयन से विभाग को कुल 76 करोड़ 22 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। जिसमें 71 करोड़ रुपए मोटर यान कर व 4 करोड़ 74 लाख रुपए पंजीयन शुल्क के शामिल हैं।
सबसे अधिक 1300 करोड़ ऑटोमोबाइल सेक्टर से आए
मेला प्राधिकरण द्वारा बुधवार की सुबह कारोबार का फाइनल आंकड़ा जारी कर दिया है। प्राधिकरण के मुताबिक मेले में कुल 1550 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ, जिसमें 1300 करोड़ ऑटोमोबाइल बाजार में, इलेक्ट्रोनिक सेक्टर में 40 करोड़, झूला सेक्टर में 18 करोड़, फर्नीचर बाजार में 16.50 करोड़, खानपान सेक्टर में 48 करोड़, जनरल सेक्टर 42 करोड़, लगेज सेक्टर में 4 करोड़, कपड़ा कालीन, शिल्पी के बाजार में 45 एवं अन्य सेक्टर में कुल 36 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार हुआ।