फर्नीचर खरीदने का मामला ईसी की बैठक के फेर में अटका
ग्वालियर। करोड़ों रुपए के बहुमंजिला अस्पताल में पिछले दो सालों से केवल फर्नीचर के फेर में अटकी धर्मशाला की सुविधा संभागायुक्त दीपक सिंह के निर्देश के बाद भी मरीजों को नहीं मिल पा रही है। दूसरी ओर मरीजों के परिजन सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं, यह सब मामला ईसी की बैठक के चक्कर में अटका हुआ है। संभागायुक्त ने निर्देश दिए थे कि 32 कमरों के लिए जो फर्नीचर लगेगा उसमें 16 का फर्नीचर कॉलेज प्रबंधन को ऑटोनोमस फंड से खरीदना होगा, लेकिन प्रबंधन ईसी की बैठक की स्वीकृति के बिना इसकी खरीदी नहीं कर सकता है, इसी की वजह से जब बैठक या फिर कॉलेज की स्वशासी समिति के अध्यक्ष की स्वीकृति नहीं होगी प्रबंधन चाह कर भी इसे खरीद नहीं सकता है। वहीं दूसरी ओर कुछ दिनों पहले जो बैठक हुई थी उसमें यह निर्णय लिया गया था कि बाकी के 16 कमरों के लिए रेडक्रॉस सोसायटी के जरिए फर्नीचर उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन 13 जनवरी को हुई बैठक के बाद भी रेडक्रॉस द्वारा अस्पताल प्रबंधन को फर्नीचर को लेकर कोई पहल नहीं की गई है।
करोड़ों की खरीदी, लेकिन फर्नीचर नहीं खरीदा
इस मामले में प्रबंधन की काफी गलती रही है, क्योंकि जीआरएमसी प्रबंधन के पास करोड़ों रुपए का बजट रहता है, लेकिन प्रबंधन ने कॉलेज के लिए करोड़ों रुपए की मशीनरी सहित अन्य भुगतान कर दिए पर फर्नीचर की चिंता किसी ने नहीं की और करोड़ों रुपए का बजट ठिकाने लगाया जा चुका है। यही नहीं कुछ समय पहले कॉलेज की एफडी भी तोड़ी जा चुकी है। इसी के चलते अस्पताल शुरू होने के बाद केवल फर्नीचर की वजह से भी धर्मशाला के कमरे बने होने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है, यह मामला कहां अटका हुआ है इसकी जानकारी लेकर कुछ बता पाउंगा। कॉलेज प्रबंधन का हमेशा प्रयास रहता है कि कोई भी मरीज व उसके अटेंडर परेशान न हों। डॉ. केपी रंजन,पीआरओ जीआरएमसी