21 हजार कील और 25 किलो ऊन से अयोध्या के श्री राममंदिर की छबि बनाई
इंदौर। 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसके पूर्व पूरे देशभर में प्रभू श्रीराम की आगमन को लेकर तरह-तरह की तैयारियां चल रही हैं। ऐसी एक तैयारी इंदौर के कलाकारों ने की जिन्होंने लोहे कील और ऊन का उपयोग कर श्रीराम मंदिर की छबि को उतारा है। जिसकी लंबाई 8 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। इस कलाकृति को चार दिन में 10 कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है।
संस्था कला स्तंभ के निदेशक पुष्कर सोनी ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसको लेकर पूरे देशभर में तैयारी की जा रही है। इंदौर में भी माहौल राममय हो गया है। कला स्तंभ संस्था ने अयोध्या की तर्ज पर श्री राम मंदिर की प्रतिकृति तैयार की है। जिसे बनाने में हजार कीलें और रंग िबरंगे धागों का इस्तेमाल किया गया है, जो कि काफी आकर्षित कर रही है, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसे वर्ल्ड रिकार्ड के लिए भी भेजा है।
कलाकृति बनाने वाले सब कलाकार नौकरीपेशा
संस्था की फाउंडर मेंबर सपना ने बताया कि यह कलाकृति की लंबाई 8 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। इस मंदिर की कलाकृति को धागों की मदद से लकड़ी के बेस पर उकेरा गया है। बहुत बड़े कैनवास पर अयोध्या के राम मंदिर की हूबहू तस्वीर को बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इस ऊन और धागे के जरिए बनाया जा रहा है। ये सभी कलाकार अलग- अलग नौकरी में है और ग्राफिक डिजाइनिंग का काम करते हैं। इस तस्वीर को अयोध्या राम मंदिर के नाम समर्पित करेंगे।