राममय हुई गालव ऋषि की तपोभूमि

राममय हुई गालव ऋषि की तपोभूमि

ग्वालियर। श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की बेला में ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर को जनकपुरी और फालका बाजार स्थित राम मंदिर को अयोध्या धाम का रूप दिया गया जहां पर आकर्षक साजस ज्जा देखने लायक थी। भक्तों ने सनातन धर्म मंदिर से गंगा जल कलश यात्रा निकाली, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर एवं कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाह व चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने रथ को खींचा। इससे श्री तोमर ने सनातन धर्म मंदिर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। श्री तोमर ने रामलला के भव्य मंदिर निर्माण एवं उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। यह यात्रा ग्वालियर की अयोध्या यानि की राम मंदिर पर जाकर समाप्त हुई । इसमें निगम सभापति मनोज तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी समेत हजारों भक्त शामिल हुए। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने भी जगह-जगह विभिन्न आयोजन किए, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

महाराज बाडे पर सजा राम दरबार

शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़े पर विक्टोरिया मार्केट के सामने भव्य राम दरबार सजाया गया जिसमें दोपहर 12 बजे विधि विधान से पूजा अर्चना की गई, दोपहर 2 बजे हजारों भक्तों की मौजूदगी में भगवान श्रीराम की महाआरती की गई। धर्मप्रेमी जनता को 11000 देसी घी के लड्डुओं का वितरण किया गया। इस अवसर पर समिति द्वारा विशाल आतिशबाजी की गई, जिसको देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग महाराज बाड़े पर उपस्थित थे। यहांं मुख्य अतिथि के रूप में म.प्र. शासन के कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाह रहे। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष विष्णु गर्ग, कार्यक्रम संयोजक रमेश अग्रवाल, पूर्व विधायक, राधेश्याम भाकर, सत्य कुमार मिश्रा, विजय गोयल, विजय गर्ग, यश गोयल आयोजन समिति के रामनारायण मिश्रा, राजकुमार गुप्ता,गुड्डू वारसी, उमाशंकर सोनी संजय कठ्ठल आदि मौजूद रहे।

जन्मे 102 बच्चे, किसी ने नवजात का नाम राम तो किसी ने रखा सीता

श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन बहुत सी प्रसूताओं ने डिलीवरी के लिए इसी दिन का इंतजार किया और जिनके घर बालक का जन्म हुआ उन्होंने अपने बच्चों के नाम प्रभु राम के नाम पर तो जिनके यहां लड़की हुई उन्होंने सीता रखने का निर्णय लिया। इस दिन कुल 102 बच्चों ने जन्म दिया है। केआरएच में कुल 24 तो जिला अस्पताल मुरार में 18 बच्चे जन्मे तो 60 निजी नर्सिंग होम में पैदा हुआ, जिन्हें उपहार भी भेंट किए।