पति को छोड़ प्रेमी के साथ आई फिर दरबदर की ठोकर खाकर मानसिक आरोग्यशाला पहुंची युवती
ग्वालियर। अपने प्रेम को निभाने की कीमत एक शादीशुदा युवती को इस कदर चुकानी पड़ी की, उसे दो दिन भूखे रहकर दरबदर की ठोकरें खानी पड़ी। युवती प्रेमी के कहने पर अपने पति को छोड़कर दो महीने से उसके साथ है, लेकिन इसके बाद प्रेमी ने नीलम (परिवर्तित नाम) का बीच डगर में साथ छोड़ दिया। नीलम दो दिन तक सड़कों पर विक्षिप्त हालत में हंगामा करती रही, बाद में आप नेत्री की पहल पर पुलिस पहुंची और उसे सुरक्षित बहोड़ापुर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराया गया।
आपकों बता दें कि यह वही युवती है जो एक दिन पहले फूलबाग पर उत्पात मचाती हुई पुलिस को मिली थी। हर कोई इस युवती को देखकर मानसिक विक्षिप्त समझ रहा था। लेकिन आप नेत्री रूचि गुप्ता ने मामले को संज्ञान में लिया तो पता चला कि जिस नीलम को लोग पागल समझ रहे हैं दरअसल वह छतरपुर के नौगांव की रहने वाली है। जिसकी शादी कमलेश दुबे से हुई थी लेकिन नीलम का प्रेम ग्वालियर के मनीष द्विवेदी से था।
इसके चलते एक माह पहले नीलम ने अपने पति को छोड़कर मनीष का दामन थाम लिया था। लेकिन नीलम को यह नहीं पता था कि जिस प्रेम की खातिर उसने अपने पति को छोड़ा है, वही प्रेमी उसे एक दिन दरबदर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर देगा। मामला पड़ाव थाने से जुड़ा हुआ है, जहां पुलिस ने नीलम के प्रेमी मनीष को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है।
घर छोड़ने के बाद किया था कॉल
पुलिस के मुताबिक छतरपुर से जब नीलम ने अपना घर छोड़कर मनीष का साथ अपनाया तो इसके बाद दोनों ने कमलेश को कॉल कर तलाश करने की मनाही कर दी। इस कॉल पर नीलम ने अपने पति से नए जीवनसाथी के साथ जिंदगी बिताने की बात कही थी। जिसके बाद कमलेश ने बदनामी झेलने के बाद नीलम से नाता तोड़ लिया था।
कोई नहीं आया तो कोर्ट में पेश करके पहुंचाया मानसिक आरोग्यशाला
पुलिस ने नीलम के परिजनों से संपर्क किया। जब ना तो उसका पति आया और ना ही मायके से कोई और लेने आया। पुलिस को मालूम हुआ कि वह प्रेमी मनीष के साथ दो माह से ग्वालियर में थी। पुलिस के कॉल लगाने पर वह भी नहीं आया। ऐसे में पुलिस ने उसका मेडिकल कराया और कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे मानसिक आरोग्यशाला भेजने के आदेश हुए।
युवती को लेने कोई नहीं आया। ऐसे में उसका मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया। यहां से इलाज के लिए मानसिक आरोग्यशाला में भेजने के निर्देश हुए। -विजय भदौरिया, सीएसपी पड़ाव
युवती दो दिन से शहर में लावारिस हालत में घूम रही थी। पुलिस प्रशासन उसकी कोई सुध नहीं ले रहा था। आखिर में मैंने उसको खाना ख्रिलाया और पुलिस के सुपुर्द किया। यदि समय रहते एक्शन नहीं लेते तो उसके साथ कोई गंभीर घटना हो सकती थी। - डॉ. रूचि गुप्ता, आप नेत्री