देश में पहला सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र सालभर के अंदर हो जाएगा शुरू

देश में पहला सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र सालभर के अंदर हो जाएगा शुरू

नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक चिप विनिर्माण संयंत्र सालभर में शुरू होने की उम्मीद है। सरकार ने शुरुआत में देश में वेफर फैब्रिकेशन संयंत्र सहित सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए 10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन कोष निर्धारित किया है। वेफर फैब्रिकेशन संयंत्र भौतिक चिप्स का पहला बिल्डिंग ब्लॉक है, जिसका उपयोग सभी हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाता है। वैष्णव ने साक्षात्कार में कहा, हम कुछ विशिष्ट क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां हम वैश्विक नेतृत्व कर सकते हैं। हम दूरसंचार और ईवी सेमीकंडक्टर्स के लिए एक बड़े खंड के रूप में उभरे हैं। यदि हम इन खंडों में उपयोग होने वाले चिप्स के विकास और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करें तो हम इनमें वैश्विक अगुआ बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इन उभरते क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। वैष्णव ने कहा, हमें आगामी कुछ महीनों में बड़ी सफलता मिलनी चाहिए। यह फैब (वेफर फैब्रिकेशन), डिजायन, विनिर्माण का पूर्ण (पारिस्थितिकी तंत्र) होगा। यह पूछने पर कि क्या यह एक साल में होगा, मंत्री ने कहा कि हम जल्द ही सफलता देखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका की स्टोरेज चिप विनिर्माता माइक्रोन के भारत में निवेश की सफलता के साथ पूरी दुनिया भारत की क्षमता को लेकर बहुत आश्वस्त हो गई है। मेमोरी चिप निर्माता माइक्रोन ने गुजरात का साणंद में सेमीकंडक्टर असेंबली संयंत्र का निर्माण पिछले महीने शुरू किया है।

भारतीय आईटी उद्योग की नियुक्ति संभावनाएं कमजोर हुईं

इस साल भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की कैंपस भर्ती में काफी कमी आने की आशंका है। कमजोर वैश्विक संकेतों और ग्राहकों के विवेकाधीन खर्च में कटौती के चलते ऐसा हो सकता है। बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि इन्फोसिस और एचसीएल टेक की भर्ती में सुस्ती आने वाले वक्त में नए लोगों यानी फ्रेशर्स के लिए एक कठिन राह का संकेत देती है। दूसरी तिमाही के नतीजों के मुताबिक, आईटी क्षेत्र की दिग्गज टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कर्मचारियों की संख्या में क्रमिक आधार पर कुल 15,800 की भारी गिरावट हुई। दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे भी उम्मीदों से कम रहे।