अस्पताल में बीमार को कंबल में टांगकर पांच घंटे घूमे परिजन, नहीं मिली स्ट्रेचर

अस्पताल में बीमार को कंबल में टांगकर पांच घंटे घूमे परिजन, नहीं मिली स्ट्रेचर

ग्वालियर। हजार बिस्तर इन दिनों अव्यवस्थाओं के चलते खुद बीमार चल रहा है, इस अस्पताल को करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया है, हॉस्पिटल की हकीकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि मरीज स्ट्रेचर जैसी प्राथमिक सुविधा के लिए तरस रहे हैं। इस बहुमंजिला अस्पताल में उपचार के लिए मुरैना से रेफर होकर आए रामू कुशवाह नाम के मरीज के परिजन केवल स्ट्रेचर जैसी सुविधा के लिए 10-15 मिनट नहीं बल्कि पूरे पांच घंटे भटके, लेकिन इनको स्ट्रेचर नहीं मिली और मरीज के परिजन उस बीमार को कंबल में डंगा-डोली करते हुए परेशान होते रहे और अस्पताल के जिम्मेदारों को कोसते नजर आए।

मरीज के भाई ने बताया कि उसके सीने में दर्द हो रहा था, इसी की वजह से मुरैना से उसे बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया गया है, लेकिन यहां उपचार के इंतजार में उसकी हालत बिगड़ गई, कई घंटे बाद मरीज दोपहर में आईसीयू में भर्ती हो पाया। परिजनों के मुताबिक वह सुबह ही इमरजेंसी में उपचार लेने कैजुअल्टी पहुंचे तो उन्होंने कार्डियोलॉजी भेजा गया, इसके बाद यहां इन्हें ओपीडी भेज दिया, यहां पर घुसते ही स्ट्रेचर की तलाश में पहले परिजन काफी देर खड़े रहे, लेकिन इसके बाद मजबूरी में परिजन कंबल में डालकर अस्पताल के अंदर ले गए।

हालांकि इस मरीज की हालत पर एक समाजसेवी को दया आई और वह उसे मेडिसिन विभाग तक ले गए और उनकी गुहार पर वहां मौजूद डॉक्टरों ने मानवता दिखाते हुए बाहर आकर मरीज का बीपी चेक किया इसके बाद मरीज को मेडिसिन आईसीयू में भर्ती किया गया है। यह एक अकेला मामला नहीं है, इस प्रकार के केस आए दिन ओपीडी में नजर आ रहे हैं, लेकिन मोटी सैलरी वाले अधिकारियों को यह परेशान मरीज नजर नहीं आ रहे हैं।

वीआईपी मूवमेंट पर नजर आती हैं स्ट्रेचर

ऐसा नहीं है कि इस अस्पताल में स्ट्रेचर नजर नहीं हैं, यह स्ट्रेचर किसी वीआईपी मूवमेंट या फिर किसी बड़े अधिकारी या नेता के अस्पताल में निरीक्षण के दौरान ही नजर आती हैं। हालांकि प्रबंधन 22 स्ट्रेचर होने का दावा करता है, लेकिन वह मरीजों को नहीं मिलती हैं।

पानी के लिए भी तरस रहे मरीज

अस्पताल में मरीज में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर ही नहीं बल्कि पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए परेशान हैं। ओपीडी में जो प्याऊ बनी हुई है उसमें टोंटी तो है, लेकिन पानी नहीं आ रहा है। इसके साथ गंदगी भी एक बहुत बड़ी समस्या हैं। वार्डों से लेकर विभिन्न जगह गंदगी की वजह से मरीज व उनके परिजन परेशान हैं।

हमारे पास 22 स्ट्रेचर हैं हमने पांच स्ट्रेचर बॉय की ड्यूटी लगाई है, मरीज क्यों परेशान हो रहे हैं, इसको दिखवाया जाएगा। कई स्ट्रेचर वार्ड में रहते हैं इनका भी समाधान किया जाएगा। -डॉ. वीरेन्द्र वर्मा,पीआरओ जेएएच