चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन, घड़ियाल और इंडियन स्कीमर का कुनबा बढ़ा, कछुओं की नहीं हुई गिनती

चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन, घड़ियाल और इंडियन स्कीमर का कुनबा बढ़ा, कछुओं की नहीं हुई गिनती

ग्वालियर। चंबल सेंचुरी में जलीय जीवों की गणना के दौरान गैंगटेक डॉल्फिन और घड़ियाल की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में इस बार बढ़ी हुई दर्ज की गई है। अप्रवासी पक्षी इंडियन स्कीमर भी गिनती में 173 ज्यादा आए है। सेंचुरी में कछुआ की गिनती बाद में की जाएगी। सबलगढ़ से लेकर बरई घाट तक डाल्फिन मिली हैं। सबसे ज्यादा डॉल्फिनों की संख्या बरई से लेकर पचनदा तक दिखाई दी हैें।

इस बेल्ट को डॉल्फिन की कॉलोनी के रूप में गिना जाता है। इनकी संख्या 96 दर्ज की गई है। यह वे हैं, जो चंबल नदी के ऊपर सतह पर दिखाई दी हैं। पानी के अंदर कितनी और डॉल्फिन थीं, जो ऊपरी सतह पर न आने से गिनी नहीं जा सकी। डॉल्फिन की संख्या इटावा साइड में भी गिनी जाती है हालांकि उनका आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाता है।

घड़ियालों की संख्या 2108 हुई

चंबल नदी में घड़ियालों की संख्या वर्ष 2023 में 2108 दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2022 में ये 1800 थी। इस बार अडल्ट घड़ियाल 1298, सब अडल्ट 273, छोटे बच्चों की संख्या 329 है। मगर की संख्या 2022 में 776 थी जो अब बढ़कर 878 हो गई है।

इंडियन स्कीमर 740 हुए

वर्ष 2022 की गिनती में इनकी संख्या 577 थी, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 740 हो गई। हिमालय की तराई से वहां ठंड अधिक होने के कारण यह अप्रवासी पक्षी चंबल की और उड़े चले आते हैं। जब चंबल का वातावरण गर्म होने लगता है तभी यह पक्षी वापस होना शुरू कर देते हैं।

पक्षियों की संख्या बढ़ी

वर्ष 2023 की गणना में चंबल सेंचुरी में डाल्फिन, घड़ियाल व इंडियन स्कीमर पक्षी ज्यादा संख्या में दर्ज किए गए हैं। इसका कारण मौसम का प्रभाव या चंबल नदी का स्वच्छ जल हो सकता है। भूरा गायकवाड, अधीक्षक चंबल अभयारण्य