चुनावी आहट पाते ही बढ़ी अदला-बदली
प्रदेश में राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ताओं की बदल रही निष्ठा
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और कांग्रेस में दल-बदल और ‘आया राम-गया राम’ का सिलसिला चल पड़ा है। दोनों ही दलों में सियासी नफा-नुकसान देख कई नेताओं ने पाला बदल लिया। सत्ताधारी दल को कई दिग्गजों ने टाटा कह दिया, वहीं नाराजगी के चलते राह भटके नेताओं ने फिर से भाजपा में घर वापसी भी कर ली। इस साल भाजपा में जहां 8-10 नेताओं ने अपनी आमद दर्ज कराई । वहीं कुछ दिग्गजों ने पार्टी को अलविदा भी कह दिया। कमोबेश यही स्थिति प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में भी रही।
भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल
दीपक जोशी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए।
वजह : ‘पिता के स्मारक के लिए बार-बार कहने पर भी मुख्यमंत्री और सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अफसरों को मेरी बात नहीं सुनने को कहा गया।’
कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह: कटनी जिले के विजयराघवगढ़ के पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने जून में कांग्रेस की सदस्यता ली।
वजह : ‘भाजपा अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है। अवैध उत्खनन की शिकायतें नहीं सुनी गर्इं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अनुभवहीन नेता।’
बैजनाथ सिंह यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गए बैजनाथ सिंह यादव प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे। उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी की।
वजह : यादव ने कहा- ‘भाजपा पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी। सिंधिया खेमे में पटरी नहीं बैठ रही थी।’ यादव कोलरस से टिकट चाहते हैं।
यादवेंद्र सिंह यादव अशोकनगर जिले के भाजपाई परिवार से हैं। इनके पिता राव देशराज सिंह मुंगावली सीट से तीन बार विधायक रहे हैं।
वजह : सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से असहज।
राधेलाल बघेल दतिया जिले के सेवढ़ा से विधायक रहे राधेलाल बघेल भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
वजह :भाजपा में इनकी पूछ परख कम हो गई। बोले-‘संगठन में बात को अनसुना किया जा रहा था।
ये नेता भी कांग्रेस में हुए शामिल
- नरयावली से भाजपा विधायक प्रदीप लारिया के भाई हेमंत लारिया।
- शिवपुरी में सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता।
- हरदा में कृषि मंत्री कमल पटेल के करीबी भाजपा नेता दीपक सारण।
- कटनी में संजय पाठक के करीबी पप्पू वाजपेयी।
भाजपा में इन नेताओं की हुई आमद
प्रीति सूरी: कटनी महापौर चुनाव में भाजपा भाजपा की बागी रहीं प्रीति सूरी ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के सामने पार्टी की सदस्यता ले ली।
वजह : आगामी चुनाव में कोई रिस्क न रहे इसलिए भाजपा ने महापौर प्रीति सूरी को पार्टी सदस्यता के लिए सहमत किया।
सिद्धार्थ मलैया: निकाय चुनाव के दौरान पार्टी लाइन के बाहर जाकर काम करने पर सिद्धार्थ जयंत मलैया भाजपा ेमें शामिल हो गए। पार्टी ने इसके लिए तैयार किया।
वजह : दमोह में उपचुनाव हारने के कारण भाजपा के बड़े नेताओं ने जयंत मलैया को मनाकर सिद्धार्थ की वापसी कराई।
धीरज पटेरिया: भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने 2018 के विस चुनाव में जबलपुर से बागी प्रत्याशी थे। दो महीने पहले वे भाजपा में शामिल हो गए।
वजह : धीरज के बागी रहते भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। संगठन ने उन्हें वापस आने के लिए मनाया।
लीला अटारिया: देवास जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया और उनके पति भेरूलाल की उपयोगिता भांपकर भाजपा ने उन्हें सदस्यता दी है।
वजह : अटारिया परिवार की कांगेस नेता सज्जन सिंह वर्मा से पटरी नहीं बैठी।
राजेश तिवारी: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं विहिप के पदाधिकारी राजेश तिवारी को धूमधाम से भाजपा की सदस्यता दी गई।
वजह : विदिशा जिले से तिवारी को भाजपा चुनाव में उतारने की तैयारी में दिख रही है।
इन्होंने भी थामा भाजपा का दामन
- महेश्वर विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ की बहन प्रमिला साधौ।
- निवाड़ी की जिला पंचायत अध्यक्ष सरोज राय ने भाजपा में शामिल हुर्इं।
- उज्जैन में पूर्व ब्यूरोक्रेट जगदीश बोरासी और कांग्रेस नेता रूपम व्यास।