2047 तक विकसित भारत का सपना होगा साकार: प्रधानमंत्री

2047 तक विकसित भारत का सपना होगा साकार: प्रधानमंत्री

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वर्चुअली ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि विकसित भारत का सपना 2047 में पूरा हो जाएगा। यह यात्रा डेढ़ हजार शहरों में पहुंचेगी। पीएम ने कहा कि यात्रा के माध्यम से सरकार की योजनाओं का शहर एवं गांव के लोग लाभ उठाएंगे। इससे विकसित भारत का सपना साकार होगा। बैंकों के माध्यम से लोगों को आसान एवं सस्ता लोन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 50 लाख से अधिक लोगों ने विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन को संवारा है। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की आईईसी वैन शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर शासकीय योजनाओं की जानकारी आम जनता को देगी। शुभारंभ के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र की मेघना, गुवाहाटी (असम) की कल्याणी, केरल के धर्मराजन एवं शिमला (हिमाचल प्रदेश) की खुशिया देवी से वर्चुअली संवाद किया। सभी हितग्राहियों ने बताया कि उन्होंने पीएम मृदा योजना, पीएम किसान कल्याण योजना, पीएम स्वनिधि योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेकर अपना व्यवसाय स्थापित किया।सीएम बनने के बाद पहली बार डॉ. मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन में शुक्रवार को रैली निकालकर उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में नागरिकों ने उनका स्वागत किया। शहर के विभिन्न मार्गों पर लोगों ने सीएम डॉ. यादव का फूल-मालाओं से स्वागत किया। रैली मार्ग पर जगह-जगह स्वागत मंच बनाए गए, जिसके माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक संस्थाओं और आमजन ने मुख्यमंत्री यादव का स्वागत किया।

सीएम ने किया यात्रा का शुभारंभ

प्रधानमंत्री के वर्चुअल संवाद के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दशहरा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित कर एवं आईईसी वैन को हरी झंडी दिखाकर पूरे प्रदेश में विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार प्रत्येक गांव में किया जाएगा।

चार दिन में ही तोड़ा मिथक : अपने ही घर ठहरे मुख्यमंत्री

उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि शहर में महाकाल राजा के विराजमान होने से कोई सीएम यहां नहीं ठहरता। सीएम डॉ. यादव शनिवार को उज्जैन पहुंचे। सीएम बनने के चौथे दिन ही उन्होंने मिथक को तोड़ते हुए अपने घर में रात्रि विश्राम किया। इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी नोएडा जाकर मिथक तोड़ा था। कहा जाता था कि नोएडा जाने वाला सीएम नहीं रह पाता है।

ऐसी परंपरा है कि शहर में महाकाल राजा के विराजमान होने से कोई मुख्यमंत्री उज्जैन सीमा में ठहरता नहीं है। लेकिन, मुख्यमंत्री पर यह परंपरा कोई असर नहीं डालती है, क्योंकि वे स्वयं उज्जैन के ही रहवासी हैं। - पंडित मनीष उपाध्याय