सुरखी में पीएम आवास के विस्थापितों पर फिर लटकी बेदखली की तलवार

सुरखी में पीएम आवास के विस्थापितों पर फिर लटकी बेदखली की तलवार

भोपाल। सागर जिले की सुरखी विधानसभा के रैपुरा गांव में प्रशासन द्वारा तोड़ दिए गए पीएम आवास के बाशिंदों पर फिर से बेदखली की तलवार लटकने लगी है। उन्हें अस्थायी तौर पर एक शासकीय स्कूल भवन में ठहराया गया लेकिन स्कूल खुलते ही वे सभी फिर आशंकित हो उठे हैं। चुनावी साल में 12 दलित परिवारों के घर टूटने पर जैसे ही सियासत गर्माई प्रशासन ने यू टर्न लेकर नए मकानों का निर्माण शुरू करा दिया। वन भूमि पर पीएम आवास कैसे बन गए इसका जवाब किसी के पास नहीं है। मामले में जिला प्रशासन सवालों के दायरे में है। आवास निर्माण में 2-3 महीने का समय लगने की संभावना है लेकिन प्रशासन ने 45 दिन में बनाने का दावा किया है। चुनाव में मुद्दा भारी न पड़ जाए इसलिए सरकार विस्थापित परिवारों को ताबड़तोड़ संतुष्ट करने में जुटी है। उन्हें राशन का सामान देकर स्कूल और आंगनबाड़ी में शरण दी गई है। लेकिन अब 1 जुलाई से स्कूल खुलते ही इनके बेदखल होने की आशंका गहरा गई है। घटना के 10 दिन बाद 12 परिवारों के खातों में 15-15 हजार रुपए और जिनकी दुकानें ध्वस्त हुईं ऐसे 8 लोगों के खातों में 10-10 हजार रुपए की तात्कालिक तौर पर सहायता राशि जमा कराई दी है।

क्रशर लगाने का प्लान

प्रदेश के परिवहन व राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र के इस घटनाक्रम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जिले के पुलिेस और प्रशासन के प्रमुख को एक घंटे तक जमीन पर बिठाए रखा। बताया जाता है कि रैपुरा की इस जगह पर क्षेत्र के एक राजनेता की नजर है। वह यहां क्रशर डालने की योजना बना रहे है। पड़ोसी में ही जिले के एक कद्दावर नेता का क्रशर पहले से चल रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास पर बुलडोजर चलते ही मामले ने सियासी रंग ले लिया।

पड़ोसियों के घर में सोते हैं विस्थापित

विस्थापित परिवार के प्रमुख सदस्य दशरथ अहिरवार कहते हैं कि हम सभी को चिंता यही है कि बारिश में कहां जाएंगे? स्कूल में जगह कम है इसलिए सामान रख दिया है, रात में सोने के लिए पड़ौसियों के घर जाते हैं। कुछ परिवार आंगनबाड़ी में रह रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि स्कूल में बच्चों की संख्या कम है इसलिए स्कूल भवन के 5 कमरों में से 3 कमरे विस्थापित परिवारों को दे दिए गए हैं।

गड़बड़ी हुई है, दोषियों पर करेंगे कार्रवाई -दीपक आर्य कलेक्टर,सागर

सवाल- पीएम आवासों से बेदखल परिवार कब तक बस जाएंगे?

जवाब- सभी परिवारों के लिए दूसरी भूमि पर आवास निर्माण शुरू हो गए हैं। हमने पुनर्वास के लिए 45 दिन का टारगेट रखा है।

सवाल- स्कूल खुल गए हैं, क्या इन परिवारों को दूसरी जगह भेजेंगे?

जवाब- हां, उनके लिए एक-दो दिन में अन्यत्र शिफ्ट करेंगे।

सवाल- क्या इनके लिए राशन-रोजगार की व्यवस्था भी की है?

जवाब- हमने उन्हें राशन और सहायता राशि दी है। मकानों के निर्माण में उन्हें रोजगार भी दिया गया है।

सवाल- वन भूमि पर पीएम आवास कैसे बन गए?

जवाब- हां, यह गड़बंड़ी हुई है। रिपोर्ट बन गई है। दोषियों पर कार्रवाई भी होगी।