हाईकोर्ट ने मेडिकल यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं पर रोक लगाई

हाईकोर्ट ने मेडिकल यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं पर रोक लगाई

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने सोमवार को नर्सिंग परीक्षाओं को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए 28 फरवरी से शुरू हो रही पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष और 1 मार्च से होने वाली बीएससी प्रथम वर्ष रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जालसाजी व घोटालों के अलावा कोई दूसरा काम नहीं हो रहा है। याचिका की सुनवाई फिर से 14 मार्च को होगी।

दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष व बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने तर्क दिया कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कालेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया और 28 फरवरी से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी, लेकिन छात्रों का सत्यापन नहीं कराया गया। यह पड़ताल भी नहीं की गई कि छात्रों ने कब प्रवेश लिया था। कॉलेजोें को जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच संबद्धता दी जा रही है और परीक्षाएं सत्र 2019-20 व 2020-21 की कराई जा रही हैं। परीक्षाओं को लेकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी व मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से तर्क दिया गया कि छात्र आंदोलन की वजह से परीक्षा कराने का फैसला लेना पड़ा है। लंबे समय बाद परीक्षाएं हो रही हैं। परीक्षा कराने के बाद रिजल्ट न्यायालय के आदेश के अधीन कर दिया जाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद परीक्षाएं निरस्त कर दी है।