मणिपुर में लापता 2 छात्रों के शव मिलने से तनाव, 50 से ज्यादा घायल
इंफाल। मणिपुर में राजधानी इंफाल में फिर हालात बिगड़ गए हैं। यहां दो छात्रों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस ने मंगलवार को लाठीचार्ज किया। इसमें 50 से ज्यादा छात्र घायल हो गए। बता दें, फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइनगांबी (17) का जुलाई में अपहरण किया गया था। दोनों के शवों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर दिया। इसके बाद पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज से हालात बिगड़ गए। राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ती स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट सर्विस बैन कर दी है। यानी राज्य के लोग 1 अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवा और वीपीएन के माध्यम से भी इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश जारी किया है।
न्याय की मांग के लिए सीएम के आवास तक छात्र चाहते थे मार्च करना
मंगलवार को हत्याओं के विरोध में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया, जिन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और धुआं बम छोड़े। झड़प में छात्र घायल हो गए।
सीएम ने जताया दुख, बोलेसी बीआई करेगी जांच
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि लापता छात्रों के दुखद निधन के संबंध में मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य और केंद्र सरकार अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंपा गया है। इसके लिए सीबीआई निदेशक एक विशेष टीम के साथ बुधवार को स्पेशल μलाइट से इंफाल पहुंचेंगे।
कुकी आतंकियों पर छात्रों की हत्या का आरोप
फिजाम और हिजाम का अपहरण जुलाई में हुआ था। आरोप है कि कुकी आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी और उनके शवों के फोटो वायरल किए, जिससे हालात फिर से बिगड़ गए। सोशल मीडिया पर जारी तस्वीर में दोनों छात्रों को कुकी आतंकियों के अस्थायी जंगल शिविर में बैठे हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरी तस्वीर में दोनों के शव पड़े हुए थे।
राज्य में 3 मई से हिंसा जारी
मणिपुर में दो समुदायों के बीच तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी। इसके बाद कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थी. अब तक हिंसा में करीब 175 लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। जघन्य अपराधों के मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है।