तहसीलदारों की 3 दिनी हड़ताल शुरू, ग्रुप से लेफ्ट होकर जमा किए वाहन
जबलपुर। मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इससे पहले रविवार रात में ही वे सरकारी वॉट्सएप ग्रुप लेफ्ट हो गए और गाड़ियां भी लौटा दी। साथ ही अपने डिजिटल साइन का डोंगल भी हटा लिया गया। उनके छुट्टी पर जाने से जनता से जुड़े कई कामों पर असर पड़ेगा। बंटाकन, सीमांकन समेत कई कामों की सुनवाई नहीं हो सकेगी।
30 राजस्व अधिकारी हुए ग्रुप से लेफ्ट
तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने बताया कि हड़ताल में जबलपुर के कुल मिलाकर 30 राजस्व अधिकारियों ग्रुप से लेफ्ट हुए हैं। इसमें 12 तहसीलदार, दो एसएलआर और 16 नायब तहसीलदार है। साथ ही 22 सरकारी वाहनों को जमा कर दिया गया हैं। इसके अलावा डिजिटल हस्ताक्षर भी हटा लिए गए हैं। राजस्व अधिकारियों की हड़ताल से शासन भी सक्ते में हैं। हड़ताल से कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे है, इसमें लाड़ली बहना योजना की मॉनीटरिंग का कार्य भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ हैं। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई हैं। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। हालांकि, अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है।
ये हैं मांगे
पदोन्नती देने, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की हैं। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। गुरुवार और शुक्रवार को उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया, जबकि शनिवार-रविवार को सरकारी छुट्टी होने से काम नहीं किया। अब तीन दिन का अवकाश ले लिया है।