मेस्टिक एस्फॉल्ट से 55 लाख रुपए में संवारा तीन पत्ती चौक फिर उधड़ा

मेस्टिक एस्फॉल्ट से 55 लाख रुपए में संवारा तीन पत्ती चौक फिर उधड़ा

जबलपुर। नगर निगम की कार्यप्रणाली को खुद उसके अफसर भी नहीं समझ पाते। 4 साल पहले ही तीन पत्ती चौराहे को 85 लाख रुपए से सौंदर्यीकृत किया गया था। जिसमें 55 लाख रुपए से चौराहे को आधुनिकतम तकनीक मेस्टिक एस्फॉल्ट सिस्टम से संवारा गया था। 2021 में मई महीने में इसे जलापूर्ति पाइप लाइन व सीवर लाइन के लिए खोदा गया था,अब यहां पर 24 घंटे जलप्रदाय योजना के नाम पर इसे उधेड़ा गया है।

गौरतलब है कि 9 साल पहले राज्य शासन ने सभी निकायों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सड़क बनाने से पहले इसके नीचे जो भी अंडरग्राउंड केबल,पाइप लाइन आदि डाली जानी हैं डाल लें,इसके बाद ही रोड बनाएं। इससे बार-बार रोड खुदने से बचेगी और लंबे समय तक चलेंगी। इस निर्देश को तत्काल ही अफसर घोल कर पी गए। किसी भी सड़क निर्माण में इस नियम का पालन नहीं किया गया। ताजा मामला तीन पत्ती चौक का है जहां अच्छी भली रोड को पाइप लाइन डालने के लिए पुन: खोदा जा रहा है।

2 हिस्से उधड़े

तीन पत्ती चौक पर 2 हिस्सों को उधेड़ दिया गया है। यहां पर बने आईलैंड में लगाए गए पौधे सूख चुके हैं। हालाकि इन्हें संभवतय नहीं हटाया जाएगा। नगर निगम ने दावा यह किया है कि विकास कार्यों के लिए विकसित किए गए चौराहों पर अब काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आधुनिक पद्धति से कराया गया था काम

शहर के 15 चौराहों को यातायात सुविधा कीदृष्टि से 2 साल पहले ही विकसित करवाया गया था। इसके लिए स्मार्ट सिटी ने यूनाईटेड नेशन से जुड़े वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट संस्था की भी मदद ली थी। दावा किया जा रहा था कि इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों के सर्वे,डिजाइन और सुझावों से चौराहों के ट्रैफिक के हिसाब से इस तरह विकसित किया जाएगा कि चौराहों में बिना जाम मे फंसे लोग आवाजाही कर सकेंगे। दोबारा तोड़ने पर डिजाइन बदलने की जरूरत नहीं रहेगी,लेकिन ऐसा देखने में नहीं आ रहा है।

फैक्ट फाइल

  • 55 लाख से मेस्टिक एस्फाल्ट लगाया गया था चौराहे में
  • 85 आईलैंड मिलाकर खर्च हुए थे तीन पत्ती में
  • 02 जगह से इसकी खुदाई हो चुकी है
  • 02 करोड़ से अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालने किया जा रहा काम

तीन पत्ती चौराहे में पाइप लाइन को क्रास करवाने के लिए खुदाई की जरूरत न पड़े और अंडरग्राउंड काम हो जाए इसके लिए विशेषज्ञ बुलवाकर काम करवाया जाएगा। अजय शर्मा, अधीक्षण यंत्री, लोनिवि,ननि