25 हजार टन का लक्ष्य, 3 लाख हुआ मूंग का उपार्जन फिर भी अधिकारी थपथपा रहे पीठ
जबलपुर। जिले में 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले ग्रीष्मकालीन उपार्जन के लिए किसानों का काफी फीका प्रदर्शन रहा। हाल ये रहा कि सरकारी खरीदी केन्द्रों में सिर्फ 11,600 किसानों ने मूंग का उपार्जन किया। 31 जुलाई तक खरीदी असरदार न होने से 7 अगस्त तक तिथि बढ़ाई गई इसके बावजूद अभी तक 3 लाख 69 हजार 600 क्विंटल मूंग की ही खरीदी हो सकी है। खास बात ये है कि उड़द की खरीदी के लिए किसानों ने इस बार तो तौबा ही कर ली। आज सोमवार को खरीदी का आखिरी दिन है, ऐसे में मूंग-उड़द के और अधिक उपार्जन की संभावना पर पूरी तरह पानी फिरता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि जिले में 25 हजार मीट्रिक टन ग्रीष्मकालीन फसलों की खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। इसके मुकाबले जून से शुरू हुई खरीदी के बाद 3 लाख क्विंटल का उपार्जन हो पाया है। यही वजह है कि स्टॉक किए जाने वाले गोदाम भी पूरी तरह नहीं भर पाए हैं। मूंग और उड़द की खरीदी के लिए जिले में 19 हजार 400 किसानों ने पंजीयन कराया था। इस बार उड़द के लिए सिर्फ 5 हजार किसानों ने अपनी फसलों का उपार्जन किया है।
इस वजह से प्रभावित हुई खरीदी
केन्द्र ने एमएसपी में वृद्धि की है। वहीं मप्र शासन मूंग के पुराने समर्थन मूल्य 7200 रुपए क्विंटल और उड़द 6950 रुपए क्विंटल खरीदी कर रही है। हालांकि 7 जून को केबिनेट ने निर्णय लेकर मूंग के एमएसपी में 803 और उड़द में 350 रुपए क्विंटल की वृद्धि की है। ऐसे में प्रदेश सरकार की खरीदी से किसानों को प्रति क्विंटल 1 हजार से 12सौ रुपए क्विंटल का घाटा हो रहा है।
समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी के लिए जिले में 39 केन्द्र बनाए गए हैं। अभी तक उड़द के लिए 5 हजार किसानों ने उपार्जन किया है। वहीं 11,600 किसानों से 3 लाख 69 हजार 600 क्विंटल मूंग की खरीदी हुई है, जो गत वर्ष से अधिक है। -आशीष शुक्ला, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी