हिट एंड रन के विरोध में आए टैंकर चालक, पेट्रोल पंपों में लटके ताले
जबलपुर। केन्द्र सरकार के हिट एंड रन मामले में नए कानून पास होने से शहर में पेट्रोल-डीजल की समस्या बढ़ गई है। हाल ये रहा कि रविवार को शाम 6 बजे तक अनेक पेट्रोल पंपों में ताले लटक गए थे। उपभोक्ताओं में इस बात का संशय रहा कि अगले दिन पेट्रोल नहीं मिला तो वे अपने वाहन कैसे चलाएंगे। वहीं पेट्रोल पंप मालिकों का मानना है कि अगर टैंकर चालकों की हड़ताल लंबी चली तो शहर भर के पेट्रोल पंप खाली हो जाएंगे। शहर के समीप शहपुरा प्लांट में हड़ताल से सैकड़ों टैंकर खड़े हुए हैं।
अपनी मांगों को लेकर हजारों ड्राइवर अपनी मांगों पर अड़े हैं। चालकों का कहना है कि नए नियम में सजा और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। इसके विरोध में ट्रक चालक और टैंकर चालक हड़ताल पर जा चुके हैं। नए कानून के तहत सड़क एक्सीडेंट होने पर भारी वाहन के चालक दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
15 जिलों में400 टैंकर प्रतिदिन की है खपत
गौरतलब है कि शहपुरा-भिटौनी क्षेत्र में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम सहित इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के चार डिपो स्थापित है। चारों कंपनियों में इंडियन आयल की खपत सबसे अधिक है, इसके बाद एचपी और बीपी की सप्लाई है। यहां से जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, कटनी, सतना, रीवा, शहडोल सहित करीब 15 जिलों में ईधन की प्रतिदिन करीब 400 टेंकर ईधन की सप्लाई है। टेंकर ड्राइवरों के विरोध के चलते किसी भी प्रकार के ईधन की सप्लाई नहीं हो सकी है।
जल्द लागू हो सकता है नियम
हाल ही में गुना में हुए बस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें निलंबित भी किया। वहीं केन्द्र सरकार अब नया कानून यह बना रहीं है कि सड़क दुर्घटना होने पर घायल को छोड़कर भाग जाने पर बस चालक के खिलाफ 10 साल की सजा होगी साथ ही लाखो का जुर्माना भी लगेगा। बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार के इस नियम को जल्द ही लागू किया जाना है।
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय डूब जाएगा
मप्र कॉंग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ, एवं भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरिंदर सिंह पांधे ने केंद्र सरकार से निवेदन किया है की इन काले कानून को तुरंत वापिस लिया जाए। देश भर में वर्तमान समय में वैसे भी 10 से 15 प्रतिशत ड्राइवर की कमी है। अब इस काले कानून के कारण नया व्यक्ति ड्राइवर बनने के बारे में सोचेगा भी नहीं और इससे ये ट्रांसपोर्ट व्यवसाय जो कि पहले ही डूब रहा है और जल्दी डूब जायेगा। ऐसा ना हो किसानों के आंदोलन जैसे इस बार फिर सरकार समय से ना चेते और नुकसान आम जनता को झेलना पड़ें। कोई ड्राइवर कभी जान बूझ कर दुर्घटना को अंजाम नहीं देता, सरकार में बैठे लोगों को निर्णय बहुत सोच समझकर लेने चाहिए।
प्रशासन से दखल देने की मांग
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगी हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को जनता को मीडिया के माध्यम से आश्वासन देना चाहिए कि पेट्रोल पंप बंद नहीं होंगे। मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि तेल टैंकरों की हड़ताल से अधिकांश पंप खाली हो गए हैं। यह पूर्णत: गैर कानूनी है। प्रदेश सरकार और प्रशासन तत्काल कार्यवाही नहीं करेगा तो जनहित में हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
रुको तो भीड़ मार देती है
केंद्र सरकार के इस नियम का विरोध करते हुए बस चालकों ने कहा कि कोई भी चालक जानबूझकर दुर्घटना नही करता है। अगर दुर्घटना के बाद चालक और कंडक्टर वहां पर रुक जाएंगे तो भीड़ उन्हें मार डालेगी, इसलिए अपनी जान बचाने के लिए चालक वहां से भाग जाता है।