अधीर के कारण बंगाल में नहीं हो सका TMC कांग्रेस गठबंधन
टीएमसी नेता डेरेक ने कहा- अधीर भाजपा की भाषा बोलते है
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच गठबंधन के कारगर नहीं होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जिम्मेदार हैं। इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में अकेले मैदान में उतरेगी। ओब्रायन ने कहा, बंगाल में गठबंधन के कारगर नहीं होने के पीछे 3 कारण हैं। अधीर रंजन चौधरी, अधीर रंजन चौधरी और अधीर रंजन चौधरी। डेरेक ने कहा कि गठबंधन इंडिया के अनेक आलोचक थे, लेकिन केवल दो -भाजपा और चौधरी ने बार-बार गठबंधन के खिलाफ बयान दिए हैं।
केवल अधीर ने बयान दिए
टीएमसी सांसद ओब्रायन ने आरोप लगाया कि चौधरी भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। अधीर रंजन ममता का अपमान करते हैं। आवाज अधीर की है, लेकिन शब्द उन्हें दिल्ली में बैठे दो लोगों द्वारा दिए जा रहे हैं। पिछले दो साल में अधीर रंजन चौधरी भाजपा की भाषा बोलते रहे हैं।
ईडी की कार्रवाई का समर्थन
टीएमसी नेता ओब्रायन ने कहा, जब बंगाल में तृणमूल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हुर्इं तो उन्होंने उनका भी समर्थन किया था। वह ममता बनर्जी को अपमानित करने के लिए विशेष संवाददाता सम्मेलन बुलाते हैं लेकिन भाजपा नेताओं के खिलाफ मुश्किल से ही बोलते हैं।
क्यों दिया बयान....प. बंगाल में ममता के ऐलान से बढ़ा विवाद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अचानक घोषणा की कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले मैदान में उतरेगी। इससे विपक्षी गठबंधन को झटका लगा। ममता की घोषणा के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ममता के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बनर्जी पर चौधरी के बार-बार हमलों से तृणमूल कांग्रेस नाराज है। कांग्रेस नेता ने पिछले दिनों ममता बनर्जी को अवसरवादी कहा था और यह भी कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव अकेले लड़ेगी। टीएमसी ने कांग्रेस को लोस चुनाव में प.बंगाल में दो सीटों पर लड़ने की पेशकश की थी। बाद में सूत्रों ने कहा कि पार्टी एक और सीट दे सकती है। बनर्जी के राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सूत्रों ने कहा कि पिछले कम से कम दो सप्ताह से कांग्रेस से सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है।