बच्चों में तेजी से बढ़ रहा टीबी का रोग
जबलपुर। जिले में ट्यूबर क्लोसिस यानि क्षय रोग बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। साल दर साल बढ़ रहा यह आंकडा अब चार सौ के पार है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच साल में 1800 बच्चे टीबी की बीमारी से संक्रमित सामने आए हैं। जिला क्षय रोग विभाग कार्यालय में इन सभी बच्चों के डेटा तैयार कर लिया गया है और सभी को घर पर ही दवाएं पहुंचाई जा रही है।
ये है संक्रमण फैलने का मुख्य कारण
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसन के डायरेक्टर एवं टीबी एडं चेस्ट विशेषज्ञ प्रो. डॉ. जितेन्द्र भार्गव ने बताया कि बच्चों में टीबी होने का मुख्य कारण है उनके परिवार में यदि कोई परिजन संक्रमित है और वे उसके संपर्क में आ जाए। साथ ही जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वे भी यदि संपर्क में आते हैं तो उनके संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होती है।
जिले में पहले से बढ़ गई है जांच सुविधाएं :डीटीओ
जिला क्षय अधिकारी डॉ. धीरज दंबडे ने बताया जिले में टीबी पॉजीटिव मरीज बढ़ने का कारण यह भी है कि पहले से यहां पर जांच की सुविधाएं बढ़ी हैं। पहले संक्रमित को डायग्नोस नहीं कर पाते थे अब ब्लॉक स्तर से लेकर शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच सेंटर शुरू हो गए हैं। बच्चों में टीबी का रोग बढ़ना गंभीर चिंतन का विषय है इस दिशा में तेजी से रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों में पहले से जागरुकता भी बढ़ी है।
इन स्वास्थ्य केन्द्रों में हो रही जांच
जिले के जिला अस्पताल में विक्टोरिया मेडिकल अस्पताल, सिहोरा सिविल अस्पताल व आईसीएमआर में सीबी नॉट से जांच सुविधा के साथ 32 डेजिनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर, ट्रूनॉट की सुविधा कोतवाली डिस्पेंसरी, केंट अस्पताल और सहित 7 ब्लॉक में संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू कर दी गई है। यहां पर रोजाना आने वाले टीबी के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं।