सालभर पढ़ाई की बायोलॉजी की और एडमिट कार्ड में गणित विषय
इंदौर। स्कूल शिक्षा की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है 12वीं की छात्रा। बोर्ड परीक्षा फॉर्म में छात्रा ने भरा था जीव विज्ञान और एडमिट कार्ड में गणित आया है, जिसके चलते छात्रा मानसिक तनाव में है। वहीं परिजन भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। परीक्षा 6 फरवरी से है, जिसको केवल एक माह बचा हुआ है। शासकीय कन्या हायर सेकंडरी स्कूल राऊ जिला इंदौर डाइस कोड- 23260514304 द्वारा छात्रा मुस्कान इवनाती को कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान में नियमित रूप से पूरे शैक्षणिक सत्र 2023-24 भर पढ़ाई करवाई गई।
सत्र की सभी परीक्षा तिमाही, छमाही में भी जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान विषय में ही परीक्षा दिलवाई गई। 12वीं बोर्ड का परीक्षा फॉर्म भी जीव विज्ञान विषय का भरवारा गया। पूरे सत्र भर जीव विज्ञान की कक्षा में ही क्लास टीचर द्वारा बैठकर अध्ययन कराया गया, गणित का नहीं और जब स्कूल की लापरवाही व त्रुटि के कारण छात्र मुस्कान के डमी प्रवेश पत्र में गणित विषय आने के कारण छात्र पर स्कूल द्वारा दबाव बनाया गया।
छात्रा पर बायोलॉजी विषय छोड़कर गणित का पेपर देने पर दबाव बनाया जा रहा है। इस समस्या का निराकरण करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि एक महीने में गणित विषय की तैयारी कर लो, स्कूल की गलती हो गई है तो उनका कुछ नहीं कर सकते, जबकि स्कूल और प्राचार्य की जिम्मेदारी बनती है कि ध्यानपूर्वक पढ़कर जो विषय है उन्हें परीक्षा फॉर्म में भरवाया जाना चाहिए। सालभर कौन-सी क्लास में कौन बच्चा बैठ रहा है एवं उपस्थिति रजिस्टर चेक किया जाना चाहिए। उक्त मामले के बाद छात्रा मुस्कान काफी डिप्रेशन में है।
परिजनों का आरोप है कि बोर्ड परीक्षा फॉर्म में छात्रा द्वारा भरा गया विषय जीव विज्ञान को स्कूल द्वारा मनमर्जी से काटकर गणित किया गया, जिसकी जानकारी छात्रा व परिजनों को पूरे सत्र भर में नहीं दी गई। छात्रा का ऑनलाइन रिकॉर्ड भी गणित में दर्ज किया जा रहा है। इस संबंध तत्कालीन प्राचार्य ने दो टूक जवाब देते हुए कहा गया कि मैंने अक्टूबर 2023 में प्रभार दिया है। उक्त प्रकरण के बारे में वस्तुस्थिति की जानकारी मुझे नहीं है। यह बोलकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हें बच्ची के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है।
2 जनवरी संशोधन की अंतिम तिथि
हाल ही में 26 दिसंबर 2023 को माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश भोपाल के सचिव ने विषय संशोधन की अंतिम तिथि 2 जनवरी 2024 तक बढ़ा दी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है एवं स्कूल अपनी गलती को छुपाने के लिए छात्रा के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इससे छात्र काफी डरी-सहमी है और काफी डिप्रेशन में चली गई है। परिवार वालों को यह डर है कि कहीं छात्रा के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए या डिप्रेशन में आकर वह कोई गलत कदम ना उठा लें।
संपर्क नहीं हुआ
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास को फोन लगाया था, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।