छात्रों को नहीं आना पड़ेगा जेयू, शुरू होने जा रहा ऑनलाइन टोकन सिस्टम
ग्वालियर। जीवाजी विवि से संबद्ध कॉलेज में पढ़ने वाले अंचल के छात्र- छात्राओं के लिए अच्छी खबर है कि उन्हें परीक्षा संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए किराया खर्च करके विवि नहीं आना पड़ेगा। विवि टोकन व्यवस्था ऑनलाइन करने का जा रहा है। ऐसा होने पर छात्र जिले में स्थित एमपी ऑनलाइन के कियोस्क सेंटर पर ऑनलाइन टोकन ले सकेंगे और उनकी समस्या का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किया जाएगा। विवि के कुलसचिव अरुण चौहान ने टोकन सिस्टम ऑनलाइन करने के लिए एमपी ऑनलाइन के अधिकारियों से बात की है। अधिकारी टोकन को फ्री में करने को तैयार नहीं हैं, इसके लिए मिनिमम चार्ज 10 रुपए के लिए तैयार हैं। मामला नीतिगत है, इसलिए कार्यपरिषद की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा कि 10 रुपए छात्रों से लिए जाएं या फिर विवि वहन करेगा।
छात्रों को दस्तावेज स्कैन करना होंगे
ऑनलाइन टोकन लेने पर छात्रों को समस्या से संबंधित दस्तावेज स्कैन करके सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होंगे। छात्र अपना मोबाइल नंबर अंकित करेंगे, ताकि जरूरत होने पर छात्र से संपर्क कर सकें।
छात्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर रुकते हैं
अंचल के कॉलेजों से परीक्षा संबंधी समस्या के निराकरण के लिए आने वाले गरीब छात्र जब विवि पहुंचते हैं और अधिकारियों द्वारा एक-दो दिन बाद आने के लिए कहा जाता है तो छात्र लौटकर घर जाने के बजाय बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर ही रुक जाते हैं, क्योंकि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने पर बार-बार किराया नहीं दे सकते हैं।
अभी यह है टोकन व्यवस्था
छात्र-छात्राओं को समस्या के निराकरण के लिए विवि के छात्र सहायता केंद्र पर जाकर समस्या से संबंधित दस्तावेज जमा करना होते हैं। केंद्र पर बैठे कर्मचारी द्वारा छात्रों को 10 से 15 दिन के बाद आने को कहा जाता है। छात्र जब तय समय पर पहुंचता है कि उसकी समस्या का निराकरण हो जाता है।
अंचल के छात्र-छात्राओं को समस्याओं के निराकरण के लिए किराया खर्च करके विवि नहीं आना पड़ेगा। विवि जल्द ही ऑनलाइन टोकन सिस्टम शुरू करने जा रहा है। एमपी ऑनलाइन के अधिकारियों से बात हो गई है और वह सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं। अरुण चौहान, कुलसचिव जेयू