अयोध्या के रामलला मंदिर में लवकुश नगर के मजबूत पत्थरों का उपयोग, बेस तैयार करने के लिए यहां से भेजी गई थी एक हजार ट्रक से ज्यादा गिट्टी
भोपाल। अयोध्या में रामलला मंदिर के लिए आधार (बेस) तैयार करने में छतरपुर जिले की लवकुश नगर तहसील के मजबूत पत्थरों की गिट्टी का उपयोग किया गया है। आधार तैयार करने के पहले निर्माण एजेंसी ने देश के प्रमुख स्थानों पर मौजूद पत्थरों का सर्वे और फिर जांच कराई थी। इसमें लवकुश नगर का पत्थर सबसे उपयुक्त पाया गया। अब, यहीं के पत्थरों और गिट्टी से बने बेस पर रामलला विराजेंगे। 2021 में रामलला मंदिर का बेस तैयार करने के लिए विभिन्न आकार में क्रशर गिट्टी की जरूरत पड़ी। तब, मंदिर निर्माण एजेंसी एलएंडटी ने ऐसे पत्थरों की तलाश शुरू की, जो एक हजार साल तक मजबूती का प्रमाण हों। कंपनी के विशेषज्ञों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पत्थरों के सैंपल लिए। इनमें एक सैंपल लवकुश नगर का भी था। नगर के ग्राम दिदवारा में संचालित ओम ग्रेनाइट और प्रकाश बम्हौरी में बनाफर गे्रनाइट क्रशर के संचालकों ने बताया कि उनके द्वारा 1000 ट्रक से ज्यादा गिट्टी अयोध्या भेजी गई है।
जब राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष का आया कॉल
छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान में सामाजिक न्याय विभाग में उप सचिव शीलेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन उनके पास राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र का कॉल आया। उन्होंने कहा कि आपके यहां के पत्थर से मंदिर निर्माण का आधार बनना है। इसके लिए करीब 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन गिट्टी की आवश्यकता है। पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में लवकुश नगर के तीन क्रशर संचालकों को गिट्टी उपलब्ध कराने के लिए राजी किया। इतनी बड़ी मात्रा में गिट्टी उपलब्ध कराने में चार से पांच महीने लग गए। क्रशर संचालकों ने कई बार हाथ भी खड़े किए, लेकिन राम के नाम पर सब कुछ सरल होता चला गया। इसका भुगतान निर्माण एजेंसी के माध्यम से किया गया।