शादी के बाद भागने वाले NRI दूल्हों पर होगी सख्ती
विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर विधि आयोग ने शुरू की समीक्षा
नई दिल्ली। भारतीय दुल्हनों को छोड़कर भागने वाले एनआरआई दूल्हों की अब खैर नहीं है। भारत का विधि आयोग ऐसे दूल्हों से निपटने और एनआरआई विवाहों की सुरक्षा संबंधी कानूनी ढांचे को मजबूत करने की समीक्षा कर रहा है। बताया जा रहा है कि विधि आयोग को इस संबंध में विदेश मंत्रालय से एक सिफारिश मिली थी, जिसके बाद उसने समीक्षा शुरू की है। विधि आयोग प्रारंभिक चरण में कानून में उन कमियों की जांच कर रहा है, जिनके कारण एनआरआई विवाहों में दूल्हे की ओर से दुल्हनों को छोड़ दिए जाने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं और विवाहित महिला के पास कोई कानूनी उपाय नहीं रहता। भारत में फिलहाल एनआरआई विवाहों के लिए कोई कठोर कानून नहीं है। ऐसे में विदेशी दूल्हे इसी का फायदा उठाकर शादी के बाद भाग खड़े होते हैं। विधि आयोग के इस कदम से विशेषकर उन महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी, जिन्हें एनआरआई दूल्हे द्वारा, खासतौर पर पंजाब जैसे राज्यों में शादी के बाद छोड़ विदेश भाग जाते हैं और फिर महिला अकेले जीवन यापन करने पर मजबूर हो जाती है।
कानून की कमियों को दूर किया जाएगा
आयोग अनिवासी भारतीयों की शादियों के पंजीकरण और विदेशी विवाह अधिनियम पर 2019 विधेयक पर भी गौर करेगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक कानून और निजी कानूनों पर भी गौर करेगा। आयोग के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उल्लंघनकर्ताओं को लाभ पहुंचाने वाली कानूनी कमियों को उचित रूप से दूर किया जाए। साथ ही अदालत की विभिन्न प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जा सकता है। दरअसल, भारत में विदेशी नागरिकों की शादी से जुड़े अब तक कई मामले आ चुके हैं।
फोन रखने पर कैदी को होगी 3 साल की सजा
इधर जेल में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए सजा को और सख्त बनाया जा रहा है। इसके लिए नए कारागार अधिनियम मसौदे में कई प्रावधान शामिल किए गए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा तैयार मसौदा जेल कानून में फोन रखने पर तीन साल का कारावास, मादक पदार्थों के आदी कैदियों, पहली बार जेल आए अपराधियों, उच्च जोखिम वाले और विदेशी कैदियों को अलग-अलग रखने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा कैदियों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग उपकरण पहनने की शर्त पर रोक लगाने का भी प्रावधान है, ताकि उनकी आवाजाही और गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। मसौदा कानून के अनुसार, निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। प्रतिबंधित वस्तुओं की तलाश में किसी भी कैदी की नियमित तलाशी ली जाएगी। इसके अलावा मसौदे में कैदी को किसी भी उल्लंघन पर भविष्य में दी जाने वाली छुट्टी के लिए अयोग्य घोषित करना और उनकी छुट्टी रद्द करने का प्रावधान शामिल हैं।