राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष: खेल रत्नों ने दिलाई मप्र को नई पहचान

राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष: खेल रत्नों ने दिलाई मप्र को नई पहचान

जबलपुर। मध्य प्रदेश को संस्कारधानी के खेल रत्नोें ने एक अलग ही पहचान दिलाई है। वूशु खेल हो या पॉवर लिफ्टिंग जबलपुर के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से नए खिलाड़ियों में खेलों के प्रति उत्साह नजर आ रहा है।

वर्ल्ड में लहराना चाहता हूं भारत का परचम

तीन राज्यों में नेशनल पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी सुमित सिंह ठाकुर का लक्ष्य है कि वे वर्ल्ड में भारत का परचम लहराएं। वर्ष 2022 में न्यूजीलैंड कॉमन वेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय खेल दिवस पर पीपुल्स समाचार से खास चर्चा में बताया वर्ष 2018 में उन्होंने पॉवर लिफ्टिंग की शुरूआत की थी। मिस्टर एमपी रह चुके रॉक्सन सिंग से वे खासे प्रेरित है। सुमित का कहना है कि पहले की अपेक्षा खेलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। नए खिलाड़ियों जो कि खेल में जीत नहीं पाते है तो प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए। पहले मुझे भी कुछ प्रतियोगिताओं में हार का सामना करना पड़ा लेकिन निरंतर प्रेक्टिस और गुरु के दिये मार्गदर्शन से आज मैं देश के लिए गोल्ड ला पाया हूं।

ओलांपिक, एशियन गेम्स में लाना लक्ष्य : स्पर्श

संस्कारधानी के वूशु खिलाड़ी एकलव्य पुरस्कार 2020 विजेता, 8 नेशनल खेल चुके और 22 गोल्ड मेडल जीत चुके स्पर्श खरे का कहना है वे अपने प्रदेश-देश के लिए आगे भी खेलना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि ओलांपिक व एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना और गोल्ड मेडल लाना। इसके लिए वे लगातार अपने गुरु से इसका प्रशिक्षण ले रहे है। ज्ञानगंगा कॉलेज में बीबीए फर्स्ट ईयर के छात्र स्पर्श मानते है कि देश के लिए खेलना भी किसी पुरस्कार से कम नहीं है। खिलाड़ी वहीं है जो हार के बाद भी जीतने की उम्मीद न छोड़े। स्पर्श ब्राजील में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप 8 पोजीशन, वूशु स्टार चैम्पियनशिप रशिया में एक गोल्ड तीन ब्रोंच। 4 सिल्वर, 3 ब्रोंच मेडल, इसके अलावा एशियन जूनियर चैम्पियनशिप ब्रोनई साउदी अरब में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।