पर्यटन से जोड़कर युवाओं को रोजगार देने के लिए स्मार्ट सिटी के पास पैसा नहीं
जबलपुर। स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 6 साल पहले शहर के 50 हजार बेरोजगारों को पर्यटन से जोड़कर रोजगार देने का वादा किया था। यह वादा तो अब तक पूरा नहीं हुआ न ही इस दिशा में कोई प्रयास किया गया मगर पूछे जाने पर यह जवाब मिला कि नमामि नर्मदे कॉरीडोर का निर्माण करवाया जाएगा जिसकी राज्य शासन ने अनुमति दी है,इसके लिए 31 जनवरी को टेंडर की अंतिम तारीख है। शहर के अन्य ऐसे पर्यटन स्थल जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने स्मार्ट सिटी के पास फंड की व्यवस्था नहीं है। इस प्रोजेक्ट से युवाओं को रोजगार की संभावनाएं बताई जा रही हैं,जो समझ से परे है।
इस दिशा में स्मार्ट सिटी प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार नमामि नर्मदे कॉरीडोर के तहत यह काम करवाया जाएगा। इसमें नर्मदा के तटों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इससे क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं जताई गई हैं। हालाकि इससे केवल नर्मदा के तट का विकास होगा और कॉरीडोर बनेगा। वहीं पहले जो योजना तत्कालीन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी डायरेक्टर छवि भारद्वाज ने घोषित की थी उसमें शहर के आसपास के सभी पर्यटन स्थलों का विकास और मार्केटिंग की जानी थी।
टूरिज्म प्रमोशन के प्रयास नहीं
देशी-विदेशी पर्यटकों तक जबलपुर के पर्यटन स्थलों को जोड़ने की दिशा में जहां एक ओर जबलपुर टूरिज्म विभाग कोई काम नहीं कर रहा है तो इसी दिशा में बड़े दावे करने वाली स्मार्ट सिटी प्रबंधन का भी यही हाल है, जबकि बेरोजगारों को टूरिज्म के माध्यम से ट्रैवल एजेंसी, होटल, एयरलाइंस,ट्रांसपोर्ट एजेंसी या फिर कार्गों कंपनियों में रोजगार मिल सकता है। अतुल्य भारत अभियान के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस की गई है। इस अभियान से पर्यटन स्थलों को तो मंच मिलने की संभावना तो बन ही रही है साथ में बेरोगारी खत्म करने की दिशा में अच्छा प्रयास हो सकता है। जबलपुर के पर्यटन स्थल वर्ल्ड टूरिज्म से दूर हैं।
अतुल्य भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
अतुल्य भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय टेवल एंड टूरिज्म उद्योग में आने वाले दिनों में तेजी आए,इसके लिए देश की भौगोलिक और सांस्कृतिक,ऐतिहासिक विरासत का जोरदार तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। देशी विदेशी पर्यटक हर साल भारत आना पसंद करते हैं। यही वजह है कि टूरिज्म सेक्टर में रोजगार बढ़ने की संभावनाएं देखी गईं।
बड़ा है दायरा
टूरिज्म उद्योग में काम करने का दायरा काफी बड़ा होता है। इसलिए यहां युवाओं के लिए सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र में अनेक प्रकार की संभावनाएं बन रही हैं। टूरिज्म से संबंधित कोर्स करने के बाद विमानन कं पनियां, होटल आदि में मैनेजर,टूर मैनेजर, कस्टमर सेल्स एग्जीक्यूटिव, ट्रैवल प्रोडक्ट डिजाइनर, सेल्स एंड मार्केटिंग स्टॉफ, ट्रेवल एजूकेटर, गाइड, दुभाषिया आदि के तौर पर रोजगार मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ये कहा था स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने
तत्कालीन कलेक्टर एवं स्मार्ट सिटी बोर्ड अध्यक्ष छवि भारद्वाज तथा ननि कमिश्नर ने कहा था कि शहर से लगे आदिवासी इलाकों की संस्कृति का प्रचार केसाथ इस वर्ग के प्रोडक्ट की भी ब्रांडिग की जाएगी। वहीं शहर के 50 हजार युवाओं को पर्यटन क्षेत्र से जुड़े काम मिलेंगे।