सूचना आयोग में 6 हजार अपीलें पेंडिंग क्योंकि दस में से तीन आयुक्त ही पदस्थ
अधिकारी और लिपिक संवर्ग के 24 पद खाली, सरकार ने भी माना-कमी है
भोपाल। राजधानी भोपाल के पी सिंह ने दो माह पहले राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील की है, लेकिन अब तक उन्हें सुनवाई को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है। वे ऐसे अकेले अपीलकर्ता नहीं है बल्कि इनकी संख्या हजारों में है। आयोग में 180 दिन से अधिक समय से पांच हजार से ज्यादा अपीलें पेंडिंग हैं। इसके पीछे बड़ी वजह आयोग में न पर्याप्त कर्मचारी हैं और न ही अधिकारी। वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त और दो सूचना आयुक्त पदस्थ हैं जबकि स्वीकृत पदों की संख्या दस है। राज्य शासन ने हाल ही में स्वीकार भी किया है कि आयोग के मूल कर्मचारियों की संख्या केवल छह है। जानकारी सामने आई है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत आयोग में शिकायतें बढ़ रही हंै। वर्ष 2019 में सामान्य प्रशासन विभाग को बताया था कि 12 हजार प्रकरण लंबित हैं। जुलाई 2023 में विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार 180 दिन से अधिक समय से सुनवाई के लिए 5,974 प्रकरण लंबित हैं।
चार साल से शासन को लिख रहे पद भरने के लिए पत्र
दरअसल, मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग रिक्त पदों को भरने के लिए पिछले चार साल से शासन को पत्र लिख रहा है। 21 जून 2019 को जीएडी को लिखा था कि-मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों की संख्या कम है जबकि कार्यभार निरंतर बढ़ता जा रहा है। इससे आयोग का समग्र कार्य संपादन प्रभावित हो रहा है।
आयोग ने यह दी थी रिपोर्ट
गठित तीन सदस्यीय समिति ने रिपोर्ट में कहा था-वर्तमान में प्रदेश में दस राजस्व संभाग है। समिति ने पाया है कि लंबे समय से आयोग में सूचना आयुक्तों के पर्याप्त पद न भरने से आयोग में अपीलों एवं शिकायतों की संख्या अत्यधिक हो गई है। अमला न के बराबर होने से सूचना आयुक्तों के पास एक के मान से 1-1 निजी सहायक भी नहीं है।
दो साल से सूचना आयुक्तों की पदस्थापना नहीं
नवंबर 2021 में राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने आवेदन बुलाए थे, लेकिन अबतक नियुक्तियां अटकी हैं।
ये पद रिक्त हैं
उप सचिव, विधि अधिकारी, अनुभाग अधिकारी, निज सहायक, शीघ्र लेखक, सहायक ग्रेड दो, सहायक ग्रेड-तीन, प्रोग्रामर, कम्प्यूटर आॅपरेटर।
इन कारणों से प्रभावित हो रहा आयोग का कामकाज
- अधिकारी, शीघ्रलेखक और लिपिक संवर्ग के स्वीकृत 57 पदों के विरुद्ध 33 कर्मचारी हैं।
- आयोग के मूल कर्मचारियों की संख्या केवल 6 है।
- अधिकांश कर्मचारी आउटसोर्स एवं प्रतिनियुक्ति से पदस्थ हैं।
- आउटसोर्स के कर्मचारी बीच-बीच में कार्य छोड़कर चले जाते हैं जिससे पुन: नियुक्तियां करना पड़ती है। इससे काम प्रभावित होता है।
- चतुर्थ श्रेणी के कुल 39 पद स्वीकृत हैं और इनके विरुद्ध 35 पद भरे हैं। इस प्रकार आयोग में कुल स्वीकृत 96 पद के विरुद्ध 28 पद खाली हैं। स्त्रोत: विधानसभा से मिली जानकारी
शीघ्र ही भर्ती में चयनित कर्मचारी भेजे जाएंगे
सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। आयोग में रिक्त पदों की पूर्ति करने के लिए भी कार्रवाई चल रही है। कर्मचारी चयन मंडल से चयनित कर्मचारियों को पदस्थ किया जाएगा। -विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग्