एक दिन में छह ने किए नेत्रदान, 12 के जीवन का अंधियारा होगा दूर

एक दिन में छह ने किए नेत्रदान, 12 के जीवन का अंधियारा होगा दूर

इंदौर। इंदौर के बाशिंदो ने अंगदान के साथ अब महज 24 घंटों में नेत्रदान करके 12 नेत्र रोगियों अथवा दृष्टि खो चुके विकलांगों के जीवन में रौशनी लौटाई है। आपको बता दें कि शहर में 40 से ज्यादा बार ग्रीन कॉरिडोर बन चुके हैं और महज वर्षभर में 150 से ज्यादा लोग नेत्रदान कर चुके हैं। गुरुवार के दरमियान 24 घंटे में छह नेत्रदान संपन्न हुए और एक अंगदान भी हुआ है। जानकारों की मानें तो शहर में कई संस्थान लोगों को नेत्रदान का संकल्प दिलाते हैं। इसका असर यह हो रहा है कि मृत्यु के बाद नेत्रदान बढ़ गया है।

अधिकारिक जानकारी अनुसार गुरुवार को उषा जैन, शांता बंडी, प्रकाश चंद्र मेहता, सुशीला जैन, हीरा करमचंदानी, और स्रेहलता सुराणा ने नेत्रदान किया। एमके इंटरनेशनल और शंकरा आई अस्पताल के डॉक्टरों की मदद से नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई और अंधकार भरे जीवन में रोशनी का इंतजार कर रहे लोगों को यह दान की गई आंखें लगाई जा रही है। देहदान अरविंदो अस्पताल में हुआ। इस कार्य में जीतू बगानी, राजेंद्र माखिजा, संदीपन आर्य,गोपाल सरोके का सहयोग भी मिला।

ब्रेन डेड के बाद हार्ट अटैक से दो अंगदान स्थगित

उधर बीते तीन दिनों में एक गर्भवती महिला और एक पुरुष के दो अलग अलग हादसों में ब्रेन डेड होने के बाद अंग दान की तैयारी होने लगी थी, इस बीच उनका हार्ट अटैक होने से निधन हो गया, जिसके बाद अंग दान स्थगित किया गया। इनमें पहला मामला सोमवार को कमलेश शर्मा (45) के निधन के बाद इनके नेत्रदान और त्वचा दान हुए। दूसरे मामले में बुधवार को माला नामक गर्भवती महिला के ब्रेन डेड के बाद हार्ट अटैक होने से केवल नेत्रदान ही संपन्न हो सके।