सिक्किम में बाढ़ से बिगड़े हालात, सेना के 7 जवानों समेत 40 की मौत
गंगटोक। सिक्किम में तबाही के बीच जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 3 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आए बाढ़ में अब तक 40 लोगों की मौत की खबर है। इसमें सेना के 7 जवान भी शामिल हैं। बाढ़ में 140 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। भीषण बाढ़ में कई सैनिक भी लापता हो गए हैं, जिनकी गहन तलाश की जा रही है। टला नहीं है अभी खतरा, चेतावनी जारी: बाढ़ के बढ़ते प्रकोप के चलते सिक्किम सरकार ने एक और ग्लेशियल लेक के फटने को लेकर चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लाचेन के पास शाको चो झील के फटने के खतरे की संभावना जताई है। इसके चलते प्रशासन ने आसपास रहने वाले लोगों को क्षेत्र से निकालने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
बाढ़ में करीब 3,150 बाइकर्स भी फंसे
सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक का कहना है कि लाचेन और लाचुंग में करीब 3,000 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं अक्सर एडवेंचर का शौक रखने वाले बाइकर्स भी बड़ी संख्या में फंस गए हैं। इनकी संख्या करीब 3,150 है। इन्हें आर्मी और एयरफोर्स हेलीकॉप्टरों की मदद से निकालने का प्रयास कर रही है।
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में दी थी चेतावनी
29 मार्च को संसद में स्थायी समिति ने आगाह किया था कि सिक्किम में कुल छोटे-बड़े 694 ग्लेशियल लेक्स यानी हिमनद झील हैं। लेकिन राज्य में सिर्फ 8 बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशन सेटअप किए गए हैं। हिमालय-कराकोरम क्षेत्र वैश्विक औसत की तुलना में 0.5 डिग्री तेज गति से गर्म हो रहा है। इससे ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार बढ़ने से आपदाओं में बढ़ोतरी होगी।
ऊर्जा मंत्रालय पॉवर प्लांट पर रखे हुए है नजर
बाढ़ की वजह से एनएचपीसी को हाइड्रो पॉवर प्लांट भी प्रभावित हुआ है। सरकारी स्वामित्व वाली जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी अपने इन प्लांट्स को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने की कोशिश में जुट गई है। ऊर्जा मंत्रालय अचानक आई बाढ़ के बाद से प्रभावित तीस्ता बेसिन पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। मंत्रालय ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद वह सिक्किम में जलविद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान का गहन आकलन भी करेगा।
राज्य सरकार ने कहा- पर्यटक बाद में आएं यहां
राज्य सरकार ने सिक्किम घूमने आने वाले पर्यटकों को लेकर भी खास एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने टूरिस्ट से आग्रह किया है कि वो हो सके तो अपनी यात्रा के प्लान को कुछ समय बाद बनाएं। सरकार ने आगाह किया है कि बाढ़ की वजह से सेना के कैंप से विस्फोटकों और गोला-बारूद के बह जाने के खतरे का अंदेशा है। इस कारण और सुरक्षा के लिहाज से अपनी यात्रा प्लान को फिलहाल विलंब से शुरू करें।
कैसे हैं हालात
- बाढ़ में राज्य के 11 पुलों को बड़ा नुकसान हुआ है। इनमें खासकर मंगन जिले में 8, नामची में दो और गंगटोक में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ।
- बाढ़ के हालात देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं। - बाढ़ से सिक्किम के 4 जिलों- मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 2 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
- इन जिलों में 26 रिलीफ कैंप लगाए गए हैं। इन चार जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइन और 277 से ज्यादा घर टूट गए हैं। 11 ब्रिज तबाह हो गए हैं।