बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर प्यार बांधा

बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर प्यार बांधा

ग्वालियर। आयुष्मान, बुधादित्य और सुनफा योग में बुधवार को शहर में रक्षाबंधन का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस दिन सुबह 9 बजे से भद्रा के आगमन के कारण राखी बांधने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रही, फिर भी बहनों ने पंडितों की बताई विधि के अनुसार अपने भाइयों की कलाइयों पर अपना प्यार राखी के रूप में बांधा। ज्यादातर बहनों ने रात 9 बजे के बाद अपने भाइयों को राखी बांधीं। गुरुवार सुबह भी राखी बांधी जाएंगी।

बुधवार को सुबह से ही लोगों में रक्षाबंधन का उत्साह दिखाई दे रहा था। कई बहनें अपने भाइयों के घर गईं तो कई भाईयों ने बहनों के यहां जाकर राखी बंधवाई। सुबह 9 बजे से दोपहर करीब एक बजे तक राखी नहीं बांधी गई। हालांकि पंडितों ने सलाह दी थी कि यदि जरूरी हो तो भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधने के बाद बहनें भद्राकाल में भी अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। हालांकि दोपहर एक बजे के बाद भद्रा के उत्तराकाल में राखी बांधी गईं।

जेल में हजारों बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी राखी, कैटींन के लड्डुओं से किया मुंह मीठा

जेल में बंद बंदियों की कलाई पर रक्षाबंधन के मौके पर हजारों बहनों ने खुले में राखी बांधकर भाई की लम्बी उम्र और उनकी रिहाई की दुआएं दी। केन्द्रीय जेल में रक्षाबंधन के अवसर पर जेल प्रबंधन द्वारा बहनों के लिए खुली मुलाकात और राखी त्योहार मनाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जहां तमाम जगह से अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने आई बहनों ने जेल की कैंटीन से लड्डू खरीद कर मुंह मीठा कराया। जेल प्रबंधन द्वारा रक्षाबंधन के मौके पर भाइयों को तिलक करने आने वाली बहनों के लिए नियमानुसार पूर्ण इंतजामात किए गए। जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि रक्षाबंधन के मौके पर हजारों बहने सजा काट रहे भाइयों को मंगल तिलक कर राखी बांधने पहुंची।

कपड़ा और मिठाई की दुकानों पर रही भीड़

रक्षाबंधन के त्योहार पर बुधवार को जहां बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए मिठाई की दुकानों पर पहुंचीं और मिठाई की खरीद की। वहीं भाइयों ने अपने बहनों को उपहार देने के लिए साड़ी आदि कपड़ों की खरीदी की। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की तो भाइयों ने उन्हें रक्षा का वचन दिया।