सिंधी समाज का अनूठा प्रयास, सुलह से संवार रहे जीवन
इंदौर। समाज में तेजी से हो रहे विघटन और टूटन को लेकर इंदौर की सिंधी समाज ने एक अनोखी पहल की है। समाज जन ने रिश्तों को जोड़ने के लिए सामाजिक न्याय पंचायत का गठन किया है। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी बताते हैं कि दरअसल एक वर्कशॉप में जब यह सामने आया कि कुटुंब न्यायालय में हर पांचवां प्रकरण सिंधी समाज का है, तब लगा कि हम गलत दिशा में जा रहे हैं। परिवारों के टूटने को जोड़ने की सोच के साथ यह विचार पनपा।
डेढ़ महीने पहले सामाजिक पंचायत शुरू की। डेढ़ महीने पहले शुरू की गई इस संस्था में अब तक 45 मामले आए हैं, जिनमें 11 निराकृत हो चुके हैं। पंचायत में सिर्फ सिविल मामलों का ही निराकरण करते हैं जिसमें पारिवारिक विवाद, परिवार-समाज में संपत्ति विवाद शामिल हैं। प्रकरण निराकरण की शर्त यह है दोनों पक्षों में कम से कम एक पक्ष इंदौर से और सिंधी समाज से हो। इस पहल में 26 समाज जनों की टीम है। इनमें 3 सदस्यीय बैंच का गठन होता है, जिसमें एक महिला, एक वकील और एक सामाजिक कार्यकर्ता होने की शर्त है।
काउंसलिंग में हुए एक : 45 साल के एक दंपत्ति अलग होने बीते साढ़े चार साल से कोर्ट के चक्कर काट रहे थे। समाज पंचायत में मामला आने पर दो काउंसलिंग में दंपत्ति एक हो गए। झगड़े का कारण माता-पिता का अधिक दखल था, माता-पिता को भी समझाया गया।
कैसे करते हैं काम
- हफ्ते में 5 दिन सोमवार से शुक्रवार होते हैं मामले निराकृत
- शाम 5 बजे से शाम 8 बजे तक सिंधी कॉलोनी में
- अलग अलग दिन 3-3 लोगों की अलग अलग टीम होती है।
- अधिकतम 6-7 काउन्सलिंग के प्रकरण को दी जाती हैं।
- 3-5 काउंसलिंग में हल निकल आता है।
ये हैं कारण
- एकल हो रहे परिवार
- पैसे की दौड़ में शामिल होना
- लाइफ स्टाइल चेंज
- सहन शक्ति घटना