सांसदों के निलंबन के विरोध में हाथ में काली पट्टी बांधकर मौन धरना प्रदर्शन

सांसदों के निलंबन के विरोध में हाथ में काली पट्टी बांधकर मौन धरना प्रदर्शन

इंदौर। केंद्र की भाजपा शासित सरकार व उसके मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर लोकसभा व राज्यसभा के 146 सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर इंदौर शहर व जिला कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त रूप से रीगल तिराहा स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा पर प्रभावी मौन धरना दिया गया। धरने में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं ने हाथ में काली पट्टी बांधी और विरोध प्रदर्शन किया। मौन धरने के प्रारंभ में शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने कार्यक्रम की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए कहा कि संसद से 146 सांसदों का निलंबन लोकतंत्र की हत्या है। सांसदों को उनके दायित्व अभिव्यक्ति के अधिकार से षड्यंत्रपूर्वक वंचित किया गया। इस अनैतिक निर्णय का हम विरोध करते हैं।

महात्मा गांधी ने कहा था कि मौन में शब्दों से ज्यादा शक्ति है। हम अपना विरोध मौन धरने के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं। जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है। देश के चुने हुए सांसदों का निलंबन करना यह नैतिकता नहीं है। सांसद अपने धर्म को निभाते हुए यदि वह मांग करते हैं कि संसद पर सुरक्षा को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं क्या यह दोष है। विपक्ष देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, बेरोजगारी, विकास, महंगाई, भ्रष्टाचार पर बात करता है तो उसे निलंबित किया जाता है निश्चित तौर से लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

उपराष्ट्रपति की नकल कोई दूसरी पार्टी का सांसद करता है और राहुल गांधी वीडियो बनाते हैं, लेकिन संसद के अंदर प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी की नकल करते हैं, वह गलत नहीं है? केवल वीडियो बनाना गलत है। देश की महिला पहलवानों द्वारा भाजपा सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते है, प्रकरण दर्ज हो जाता है, फिर भी उसे निलंबित नहीं किया जाता। धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शहर व ग्रामीण कांग्रेस नेता मौजूद रहे।