केंद्रीय पूल में गेहूं की कमी, प्रदेश से 20 लाख मीट्रिक टन की डिमांड

केंद्रीय पूल में गेहूं की कमी, प्रदेश से 20 लाख मीट्रिक टन की डिमांड

भोपाल। केंद्रीय पूल में गेहूं की भारी कमी के चलते पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के अधिकतर राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीब परिवारों को गेहूं बांटने का संकट खड़ा हो गया है। इसको देखते हुए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने मध्यप्रदेश से 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की डिमांड की है। एफसीआई द्वारा पिछले 20 दिनों में 4.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठाव कर गुजरात, राजस्थान, बिहार, केरल सहित दक्षिण के अन्य राज्यों में भेजा जा चुका है। दरअसल, रूस-यूके्रन वॉर के चलते विदेशों में गेहूं की मांग तेजी से बढ़ी थी। इसके चलते बाजार में गेहूं की कीमत ज्यादा और समर्थन मूल्य पर कम होने से मप्र सहित सभी राज्यों में एमएसपी पर गेहूं की खरीदी घटी है। इसके अलावा, कोरोना काल के दौरान सरकार ने पीडीएस के अलावा गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तरह भी खाद्यान्न का वितरण किया था। इससे केंद्रीय पूल में गेहूं की और ज्यादा कमी हो गई। इसी के कारण सरकार ने पीडीएस में गेहूं वितरण की मात्रा कम और चावल की ज्यादा कर दी है।

बारिश के चलते रैक आने और गेहूं परिवहन में दिक्कत

जानकारी के अनुसार, मौसम सामान्य होने के बाद प्रदेश से इस माह करीब 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं दूसरे राज्यों तक पहुंचाया जाएगा। एफसीआई यहां से पुराना स्टॉक भी दो से तीन माह के अंदर उठाने का प्रयास करेगा, जिससे कि उन राज्यों तक गेहूं पहुंच सके, जहां उत्पादन अथवा खरीदी पहले की तुलना में कम हुई है।

प्रदेश में 40 लाख मीट्रिक टन पुराना स्टॉक

प्रदेश में वर्तमान में केंद्रीय पूल का 70 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं गोदामों में रखा है। इसमें से इस वर्ष का करीब 35 लाख मीट्रिक टन और पिछले वर्षों का 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक गोदामों में जमा है। ये स्टॉक आने वाले पांच से सात माह में खाली होने की संभावना जताई गई है।

यूपी में गेहूं के वितरण में आएगी दिक्कत

उत्तर प्रदेश में इस वर्ष पीडीएस में गेहूं का वितरण दूसरे राज्यों के भरोसे हो सकता है। इस वर्ष वहां दो लाख मीट्रिक टन से कम गेहूं की खरीदी हुई है। राजस्थान में भी वहां प्रति वर्ष पीडीएस में गेहूं के वितरण के लिए तय कोटे से बहुत कम खरीदी हो पाई है। गेहूं खरीदी के मामले में मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा राज्य ही आगे हैं। इन्हीं राज्यों पर अन्य राज्यों में पीडीएस के तहत गेहूं वितरण का दारोमदार है।

प्रदेश के खरीदी केंद्रों से चार लाख मीट्रिक टन गेहूं दूसरे राज्यों को भेजा गया है। गेहूं भेजने की कार्रवाई लगातार जारी है। बारिश के चलते परिवहन में कुछ दिक्कत आ रही है। - विशेष गढ़पाले, जीएम, मप्र रीजन, एफसीआई

 मप्र में इस वर्ष गेहूं उपार्जन की स्थिति

  • समर्थन मूल्य पर खरीदी का टारगेट      80 लाख मीट्रिक टन
  • अब तक हुई खरीदी                                 65 लाख मीट्रिक टन
  • खरीदी का अनुमान                                   75 लाख मीट्रिक टन

  गेहूं बेचने के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन

  •  प्रदेश में कुल किसानों का पंजीयन                                15 लाख
  •  अब तक फसल बेचने वाले किसानों की संख्या           6 लाख से अधिक
  •  गेहूं खरीदी की अंतिम तारीख                                         10 मई
  •  प्रदेश में पीडीएस के तहत गेहूं की जरूरत                  30 लाख मीट्रिक टन