लघुकथाएं पाठक की रुचि को तृप्त कर रही हैं: डॉ.तिवारी तुलसी
साहित्य अकादमी द्वारा अशोक तिवारी की कृति ‘इतनी सी बात’ लघुकथा संग्रह का गुरुवार को विमोचन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार पंडित गिरिमोहन गुरु, साहित्यकार यायावर, कवि सुरेश पटवा मौजूद रहे। सुपरिचित व्यंग्यकार गोकुल सोनी ने ‘इतनी-सी बात’ लघुकथा संग्रह की समीक्षा की। श्री सोनी ने कहा कि लघुकथा आज की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। अच्छी लघुकथाएं लिखने के लिए आवश्यक है कि लघुकथा हेतु निर्धारित मानदंडों का पालन हो और उनमें सकारात्मक और लोक मंगल का भाव निहित हो। उन्होंने इतनी-सी बात की लघुकथाओं को लघुकथा विधान के अनुरूप प्रतिपादित किया। इस मौके पर विशेष अतिथि सुरेश पटवा ने कहा कि लघुकथा लिखने के पूर्व लघुकथा लेखक का मार्गदर्शन करने वालीं अशोक भाटिया की पुस्तकें अवश्य पढ़ें, तभी आप सफल लघुकथा लेखक बन सकते हैं। इस मौके पर कई साहित्यकार मौजूद रहे।
मौसम ने अंगड़ाई ली, ठंड पकाएं अंग...कविता सुनाई
वहीं डॉ.राजेश तिवारी जी ने कहा कि लघुकथा वर्तमान की भागमभाग भरी जिंदगी में पाठक की रुचि को तृप्त करने में सफल हो रही है। इस मौके पर अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.मोहन तिवारी आनंद मौजूद रहे। इस मौके पर श्रीवास्तव ने अपने रचना पाठ में सुनाया, ॠतु सर्दी की आई, सबके मन को भाई, जो रहते फुटपाथों पर उनकी शामत आई...। डॉ.शिवकुमार दीवान ने जाड़े पर केंद्रित दोहों का पाठ किया, उन्होंने सुनाया, मौसम ने अंगड़ाई ली, ठंड पकाए अंग, सूरज शरमाने लगा,मचलन लगे अनंग...। इस मौके पर अन्य कवियों ने भी रचना पाठ किया।