मस्क को झटका, इंसान के दिमाग में नहीं लगेगी चिप

मस्क को झटका, इंसान के दिमाग में नहीं लगेगी चिप

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मानव परीक्षण शुरू करने के लिए उद्योगपति एलन मस्क द्वारा स्थापित ह्यूमन ब्रेन चिप स्टार्टअप न्यूरालिंक की एक बोली को ठुकरा दिया। यह मस्क के स्टार्टअप के लिए बड़ा झटका है। मस्क का मानना है कि न्यूरालिंक के इम्प्लांट उनके और बच्चों के दिमाग में डालने के लिए काफी सुरक्षित हैं। क्लिनिकल परीक्षण की देखरेख करने वाली अमेरिकी एजेंसी ने पिछले साल की शुरुआत में मानव परीक्षण शुरू करने के लिए न्यूरालिंक के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसकी जानकारी न्यूरालिंक के सात कर्मचारियों ने दी। बता दें, न्यूरालिंक ने बंदरों सहित 1,500 जानवरों पर प्रयोग किया था, जिसमें कई जानवर मारे गए। इसके कारण कंपनी और एलन मस्क को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। क्रंचबेस के अनुसार 2016 में मस्क द्वारा स्थापित, न्यूरालिंक ने अपनी स्थापना के बाद से 363 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। 

इस साल मई में करने वाले थे ह्यूमन ट्रायल

इससे पहले एलन मस्क ने पिछले नवंबर में कहा था कि न्यूरालिंक के लिए मानव परीक्षण मई 2023 तक हो सकता है। जिसके बाद अब ऐसा लग न्यूरालिंक 7 मार्च, 2023 की एफडीए अनुमोदन के लिए अपनी खुद की तय तारीख तक अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी, जिसे उसने पिछले साल निर्धारित किया था। 

                                    क्या है न्यूरालिंक

  • न्यूरालिंक चिप ब्लूटूथ-इनेबल्ड इंप्लानटेशन से न्यूरोलॉजिकल और फिजिकल रूप से दिव्यांगों की मदद करना चाहता है। 
  • कंपनी मस्तिष्क की बाहरी सतह में बालों से पतले हजारों इलेक्ट्रोड ड्रॉप की तकनीक पर काम कर रही थी। 
  • हर इलेक्ट्रोड्स बैटरी से चलने वाले रिमोटली रिचार्जेबल, क्वार्टर-साइज के चिप पैकेज से जुड़ा छोटा तार है, जो उस जगह पर एम्बेडेड होता है, जहां Skill का सर्कल होता है। ये चिप बाहरी दुनिया के साथ वायरलेस तरीके से कम्युनिकेट कर सकती है।