शहपुरा तहसीलदार की तानाशाही- मेरी मर्जी, नहीं करूंगा तुम्हारा काम, वीडियो वायरल

शहपुरा तहसीलदार की तानाशाही- मेरी मर्जी, नहीं करूंगा तुम्हारा काम, वीडियो वायरल

जबलपुर। गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए ग्रामीण कई दिनों से शहपुरा तहसीलदार कल्याण सिंह के पास उम्मीद लेकर जा रहे थे। लेकिन उनकी उम्मीद तब टूट गई, जब तहसीलदार ने बड़े अभ्रद्र तरीके से ग्रामीणों को स्पष्ट काम करने से मना कर दिया। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जो सोशल मीडिया में बहुत तेज से चल रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को बहुत सी सुविधाएं देती है, जिसमें सबसे बड़ी सुविधा राशन की है। वहीं मनरेगा के जरिए गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को रोजगार दिया जाता है। इसमें 100 दिनों के काम की गारंटी है इसके अलावा आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 5 लाख तक का इलाज भी दिया जाता है।

ऐसे में गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए मध्य प्रदेश में लोक सेवा के सेंटर्स से ऑनलाइन आवेदन किए जाते हैं, जिसके बाद पटवारी दी गई जानकारी की जांच करने के बाद फाइल तहसीलदार को भेजते है। तहसीलदार तय करते हैं कि आवेदक गरीबी रेखा की सूची में शामिल हो सकता है या नहीं। लेकिन कुछ गरीब वर्ग के लोग शहपुरा तहसीलदार के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं क्योंकि उन्होंने गरीबों का काम करने से साफ मना कर दिया, अब वे कहां अपील करें।

तहसीलदार ने कहा नहीं करेंगे साइन

शहपुरा तहसील से 10 किलोमीटर दूर खेड़ी नाम का गांव है। इस गांव के कई गरीब आदिवासी गरीबी रेखा के सर्वे में सही पाए गए और उनका नाम गरीबी रेखा की सूची में आ गया लेकिन इन्हें अभी तक राशन नहीं मिल रहा है। जब ये लोग पात्रता पर्ची बनवाने के लिए शहपुरा तहसील पहुंचे तो इन्हें साफ मना कर दिया गया। पीड़ितों ने बताया कि ये समस्या बीते कई दिनों से चल रही थी। बीते दिनों गांव के बहुत सारे युवक सरपंच के पास पहुंचे और उन्होंने तहसीलदार से पूछा कि वे पात्रता पर्ची क्यों नहीं बना रहे हैं। तो तहसीलदार कल्याण सिंह ने कहा कि हम नहीं बनाएंगे आपको जो करना है वह कर लो। कई दिनों से परेशान ग्रामीणों ने तहसीलदार की इस अभ्रद्रता का वीडियो बनाया। ताकि वह यह बता सके कि तहसीलदार उनके साथ कैसा व्यवहार करते है। वहीं इस वीडियो को वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाने की भी तैयारी की जा रही है।