मप्र में मतदान पर छठ पूजा का साया, नेताओं-लाखों वोटर्स का बढ़ा धर्मसंकट

7 नवंबर को है वोटिंग और छठ पूजा, प्रदेश में भोजपुरी समाज के करीब 26 लाख वोटर्स

मप्र में मतदान पर छठ पूजा का साया, नेताओं-लाखों वोटर्स का बढ़ा धर्मसंकट

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तारीख को लेकर नेता और प्रत्याशियों के साथ ही लाखों वोटर्स का धर्मसंकट बढ़ गया है। हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दीपावली और छठ पूजा के बीच मतदान की तारीख 17 नवंबर तय हो जाने से वोटिंग गड़बड़ाने की आशंका बढ़ गई है। इसी दिन छठ पूजा भी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित विंध्य अंचल की कई सीटों पर भोजपुरी समाज और बिहार के लोग हजारों की संख्या में हैं। प्रदेश में करीब 25-26 लाख भोजपुरी समाज के वोटर्स हैं, जो छठ पूजा के दिन ही मतदान के चलते पसोपेश में हैं। भोपाल की नरेला और गोविंदपुरा सीट पर भी भोजपुरी समाज प्रभावी संख्या में है। प्रत्याशी और सियासी दल खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे, लेकिन उन्हें चुनाव प्रभावित होने की आशंका सताने लगी है। इस पर्व के लिए बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड जाने वालों की संख्या हजारों में रहती है। भोजपुरी एकता समाज ने मांग उठाई है कि मतदान की तारीख छठ पूजा के बाद रखी जाए। प्रदेश में जिन विस क्षेत्रों में भोजपुरी समाज के मतदाता बहुतायत में निवासरत हैं उन सीटों के प्रत्याशी हैरान-परेशान हैं। उन्हें अपना चुनावी समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहा है। प्रदेश की एक हाईप्रोफाइल सीट से भाजपा प्रत्याशी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बार चुनाव आयोग का होमवर्क कमजोर रहा। राजस्थान में देवउठनी ग्यारस के दिन मतदान की तारीख तय कर दी, जबकि उस दिन शादियों का बड़ा मुहूर्त रहता है। हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली और छठ पूजा उन्हीं तारीखों में है। 10 से 19 नवंबर तक छुट्टी का माहौल रहेगा इसलिए मतदान की तारीख आगे खिसकना चाहिए। ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान की तारीख 23 नवंबर देवउठनी ग्यारस के चलते दो दिन बढ़ाकर 25 नवंबर कर दी है।

इतनी बड़ी आबादी की भावनाओं की अनदेखी न की जाए। चुनाव आयोग के सामने हम अपना पक्ष रखेंगे। - चेतन सिंह, सदस्य, क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया एवं भाजपा नेता

बिहार-यूपी की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें फुल

प्रदेश से बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड जाने वाली सभी ट्रेनें छठ पूजा के दिनों में फुल हो चुकी हैं। 10 नवंबर को धनतेरस है। 12 को दीपावली और 14-15 को भाई-दूज है। 16 तारीख को छोड़ 17 से 19 तक फिर त्योहारी अवकाश है। पूजा के मौके पर बड़ी संख्या में लोग अपने घर-परिवार के बीच पहुंच जाते हैं। इस कारण सियासी दलों और राजनेताओं को मतदान के प्रतिशत को लेकर आशंका सताने लगी है।

प्रदेश में भोजपुरी समाज के लोगों की संख्या 25-26 लाख से अधिक है। भोपाल में ही 4 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। मतदान और छठ पूजा की तारीख एक ही होने से मतदान प्रभावित होगा। चुनाव आयोग को मतदान की तारीख आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। - कुंवर प्रताप सिंह, अध्यक्ष, भोजपुरी एकता समाज भोपाल, मप्र