राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में भोपाल के चार कलाकारों की पेंटिंग्स का चयन, 297 चित्रों में से चुनी गई

राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में भोपाल के चार कलाकारों की पेंटिंग्स का चयन, 297 चित्रों में से चुनी गई

  शहर के चार कलाकारोें का चयन 63वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के लिए हुआ है। ललित कला अकादमी, दिल्ली में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी के लिए देशभर से प्रविष्टियां बुलाई गईं थीं। देशभर से 5 हजार से ज्यादा प्रविष्टियां आईं। इसमें करीब 297 आर्टिस्ट का चयन अकादमी ने किया। चयनित चित्रों में से 20 चित्रों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में पांच महीने का समय लगेगा।

छापाकला में नेचर को दिखाया

पॉपिल मन्ना ने बताया कि मैंने छापाकला तैयार की है। इसमें नेचर को दिखाया है। पृथ्वी से आकाश तक प्रकृति की अलग- अलग लेयर है। इस आर्ट वर्क को मैंने 2022-23 में दो माह में बनाया था। इसे नेचल लेवल शीर्षक दिया है। इसमें दिखाया है कि प्रकृति का हर रंग-रूप कितना अलग और खूबसूरत होता है।

चित्र में भगोरिया उत्सव

आर्टिस्ट अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि मेरा चित्र भगोरिया उत्सव पर आधारित है। चित्र का आकार 3 बाय 5 फिट है। कैनवास पर एक्रेलकि रंगों, ऑयल पेस्टल से चित्र बनाया गया है। चित्र में एक आदिवासी युवती मेले में झूला झूल रही है। साथ ही कटी फसल को भी दिखाया है। इस चित्र को 2020 में बनाया था।

सर्किल ऑफ लाइफ पर काम

सोनम सिकरवार ने बताया कि मैं सर्किल ऑफ लाइफ थीम पर काम करती हूं। मैंने 3 बाय 3 फीट की पेंटिंग तैयार की है। इसे पावर ऑफ रेड शीर्षक दिया है। इसमें नारी शक्ति को दिखाया है। मैंने रंगों के जरिए ये बताया है कि लाइफ सर्किल की तरह है, जहां से शुरू करते हैं वहीं खत्म भी होती है। कोई शक्ति हमें गाइड करती है।

मेरा चौथी बार सिलेक्शन हुआ

गिरिश उरकुड़े ने बताया कि मेरा इस एग्जीबिशन के लिए चौथी बार सिलेक्शन हुआ है। मैंने ऑइल कलर से 4 बाय 5 फीट की पेंटिंग तैयार की है। मैंने अपनी सीरीज को अनटाइल शीर्षक दिया है। मैं नेचर और शहरीकरण के मिल-जुले रूप पर काम करता हूं। मैं इससे हमेशा प्रभावित रहा हूं तो मेरे काम भी में इसकी झलक दिखाई देती है। मुझे इस वर्ष उस्ताद अलाउद्दीन खां अकादमी से स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है।