55 लाख खर्च देख पार्षदों-पूर्व पार्षदों के बीमा कराने का ठहराव परिषद को लौटाया

55 लाख खर्च देख पार्षदों-पूर्व पार्षदों के बीमा कराने का ठहराव परिषद को लौटाया

ग्वालियर। निगम की माली हालत खराब होने के चलते अभी तक जहां अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में चार महीने पहले निगम परिषद से पार्षदों व पूर्व पार्षदों के अलावा उन पर आश्रित परिजनों का स्वास्थ्य बीमा कराने वाला पारित ठहराव पालन होने में 55 लाख रुपए खर्च होने पर वापस लौटा दिया गया है। साथ ही पुन: विचार प्रस्ताव में राशि बीमा राशि को 10 लाख की जगह 5 लाख करने के लिए प्रस्तावित किया गया है।

सभापति गिर्राज कंषाना द्वारा 5 सितंबर 2023 को निगम परिषद में पार्षदों के बीमा कराने वाले बिंदु पर बहस के बाद सर्वसम्मति होने के बाद ठहराव किया गया था कि इस बार पारिवारिक बीमा में पुरूष पार्षद की पत्नी, बच्चों के बाद माता, तो महिला पार्षद के पति, बच्चों के साथ सास-ससुर को भी शामिल कर 10 लाख का बीमा करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद निगम अधिकारियों द्वारा वर्तमान पार्षदों, विधायक प्रतिनिधियों व नियुक्त होने वाले वरिष्ठ पार्षदों के साथ लगभग संख्या 75 का आकलन परिषद सदस्यों के रूप में किया गया है और उनके परिजनों के साथ यह संख्या लगभग 170 पार हो रही है। वहीं पूर्व पार्षदों व उनके परिजनों की संख्या भी लगभग 450 के पार जा रही है। ऐसे में 10 लाख रुपए की स्वास्थ्य बीमा कराने के खर्च का आकलन 55 लाख रुपए आया है।

5 लाख करने व हेड में राशि बढ़ाने पर जोर

निगम परिषद में पुन: विचार के लिए गए प्रस्ताव को 10 लाख से बदलकर 5 लाख करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे कुल खर्च 25 लाख में सिमट जाए और परिषद इस पर निर्णय लेने पर फाइनल राशि का निर्धारण होगा। हालांकि ठहराव से पहले परिषद में 5 लाख व 7 लाख वाले प्रस्ताव भी आए थे, जिन्हें पार्षदों ने खारिज कर 10 पर सहमति दी थी।

5 लाख हेड में, खर्च 55 लाख के चलते लौटाया

निगम जानकारों का कहना है कि पार्षदों का बीमा कराने वाले हेड में 5 लाख की राशि का प्रावधान है और ठहराव के बाद खर्च 55 लाख बताया गया है। ऐसे में चालू निगम परिषद का पहला ऐसा ठहराव है, जो पालन न होने की दशा में लौटा दिया गया है। हालांकि इसके पीछे परिषद में ठहराव करने वालों की अदूरदर्शिता व भावना में बहकर काम करने की मनोदशा उजागर हुई है।