किसानों के लिए बीज प्रसंस्करण और भंडारण सुविधा का शुभारंभ

किसानों के लिए बीज प्रसंस्करण और भंडारण सुविधा का शुभारंभ

 झांसी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के भारतीय चरागाह एवं चरागाह अनुसंधान संस्थान, झांसी में बीज प्रसंस्करण व भंडारण सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस मौके पर महिला कृषक सम्मेलन भी हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने आईसीएआर में तकनीकों व गतिविधियों का अवलोकन भी किया। इस प्रकार की बीज प्रसंस्करण की 3 इकाइयां संस्थान मुख्यालय के अलावा धारवाड़ व श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय शोध केंद्रों पर बनाई गई है, जिनका वित्त पोषण कृषि मंत्रालय द्वारा 3.7 करोड़ रुपए से किया गया है। महिला कृषक सम्मेलन में संस्थान- केंद्रों पर संचालित अनुसूचित जाति उप- परियोजना के तहत 50 लाख रुपए की लागत के कृषि उपकरणों का वितरण लाभार्थी महिला कृषकों को किया गया। तोमर ने अनुसूचित जाति उप- परियोजना के जरिये किसानों व महिला कृषकों के सशक्तिकरण के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की एवं संस्थान द्वारा विकसित 300 से अधिक चारा फसल किस्मों व विभिन्न तकनीकों के विकास के लिए भी संस्थान के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने संस्थान के विभिन्न शोधों को अधिकाधिक कृषक प्रक्षेत्र तक पहुंचाने पर जोर दिया। साथ ही, किसानों के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं से अवगत कराते हुए देश में पानी एवं चारे की पर्याप्त उपलब्धता की दिशा में और अधिक कार्य करने पर जोर दिया।

बुंदेलखंड के हर किसान की चिंता करते हैं पीएम मोदी

इधर झांसी में ही रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि किसी जमाने में बुंदेलखंड मोटे अनाज के लिए जाना और माना जाता था। यहां की जलवायु मोटे अनाज के उत्पादन के लिए एकदम उपयुक्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज को बढ़ावा दे रहे हैं, इसका सीधा लाभ बुंदेलखंड के किसानों को मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में कृषि के समक्ष तमाम चुनौतियां हैं। खेती रकबा कम होगा, पानी की उपलब्धता भी कम होगी, लेकिन हमें इन चुनौतियों से जीतना है। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 सालों के दरमियान बड़ा परिवर्तन आया है। भारत अब मांगने वाला नहीं, बल्कि दुनिया को कृषि उत्पाद देने वाला देश बन गया है।