वैज्ञानिकों ने खोजी कैंसर को जड़ से खत्म करने की दवा
लॉस एंजिल्स। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कैंसर इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एक ऐसी दवा का सफल ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है जिसके बारे में दावा है कि वो कैंसर ट्यूमर को जड़ से खत्म कर देगी। कैंसर खत्म करने वाली इस नई दवा अडऌ1996 का नाम एक बच्ची आना ओलिविया हीली पर रखा जाएगा। आना की मौत नौ साल की उम्र में हो गई थी। लेकिन इस दवा में उसका बड़ा योगदान है। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में स्थित सिटी आॅफ होप हॉस्पिटल द्वारा 20 सालों की लंबी रिसर्च के बाद इस दवा को विकसित किया गया है। इस दवा का नाम 1996 में पैदा हुई आना से प्रेरित है। बच्ची को न्यूरोब्लास्टोमा नाम का कैंसर था। इसी कैंसर के चलते 2005 में आना की मौत हो गई थी। न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों को होने वाला एक कैंसर होता है।
ब्रेस्ट-बे्रन समेत 70 तरह के कैंसर पर किया गया ट्रायल
ट्रायल में इस दवा के अच्छे परिणाम आने के बाद कैंसर मरीजों के लिए यह दवा एक बड़ी उम्मीद बनकर उभरी है। इस दवा का लैब में 70 तरह के कैंसर पर ट्रायल किया गया है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर, यूट्रस कैंसर, स्किन कैंसर और लंग्स कैंसर शामिल हैं। इसने सकारात्मक असर दिखाया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कैंसर सेल्स में पाए जाने वाले प्रोटीन- प्रोलिफेरेटिंग सेल न्यूक्लियर एंटीजन (पीसीएनए) को यह दवा सीधे टारगेट करती है।
कैंसर प्रोटीन को खत्म करने में मदद करती है दवा
अमेरिका के सबसे बड़े कैंसर हॉस्पिटल में शुमार सिटी आॅफ होप हॉस्पिटल के प्रोफेसर लिंडा मलकास ने बताया कि दवा कैंसर प्रोटीन को खत्म करने में मदद करती है। इससे ट्यूमर जल्द डेवलप नहीं हो पाता है, अगर ट्यूमर डेवलप हो भी जाता है तो ये दवा उसे खत्म करने में कारगर साबित हुई है। मलकास ने कहा कि फिलहाल अडऌ1996 दवा अभी सिटी आॅफ होप में फेज वन के क्लिनिकल ट्रायल में है। पिछले टेस्ट में अडऌ1996 ने सफलता हासिल की थी।