ग्रामीण इलाकों के स्कूल की पढ़ाई ठप
जबलपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की पढ़ाई नवंबर माह में पूरी तरह से ठप है। इसकी वजह ये है कि आधा सैकड़ा से अधिक सरकारी स्कूलों में अधिकांश शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही है। ऐसे में स्कूल पहुंच रहे इक्का- दुक्का शिक्षक सैकड़ों बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गौरतलब है कि 10 नवंबर से स्कूलों में दीपावली अवकाश हो गया था। इसके बाद सैकड़ों शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में झौंक दिया गया था। 17 नवंबर को चुनाव के बाद 2 दिन अधिकांश शिक्षकों ने अवकाश मनाया। ऐसे में 20 नवंबर से नियमित कक्षाएं लगनी थीं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बुरे हैं। यहां लंबी तान कर सो रहे शिक्षक अभी तक शालाओं में उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं।
2 माह बाद होंगे एग्जाम
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं को फरवरी में आयोजित करने का संकेत दे दिया है। ऐसे में स्कूलों में शिक्षा सत्र के सिर्फ 2 माह शेष रह गए हैं। दिसंबर-जनवरी में कोर्स पूरा करना भी शिक्षकों के समक्ष बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे में अभी तक शिक्षकों की अनुपस्थिति सवालिया निशान उठा रही है।
जेडी ने थमाया नोटिस
संभागीय संयुक्त संचालक ने गत दिवस स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम मिलने पर नाराजगी जताई। वहीं आईसीटी लैब का संचालन न किए जाने को लेकर फटकार भी लगाई। एक शिक्षक के अनुपस्थित मिलने पर नोटिस दिया गया। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को सख्त निर्देश दिए कि परीक्षाओं को देखते हुए छात्रों की उपस्थिति को बढ़ाया जाए। संयुक्त संचालक प्राचीश जैन ने शासकीय उमावि बालक पड़वार, शासकीय उमावि कन्या पड़वार स्कूल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कक्षाओं की शैक्षणिक प्रगति के साथ ही अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बताया जाता है कि शासकीय उमावि बालक पड़वार में छात्रों की दर्ज संख्या 177 थी, जिसमें से कुल 112 विद्यार्थी ही स्कूल आए थे। इसी तरह शासकीय उमावि कन्या पड़वार में 203 विद्यार्थियों में से कुल 157 विद्यार्थी पढ़ने के लिए पहुँचे थे। वहीं कन्या शाला पड़वार में एक शिक्षक के अनुपस्थित पाए जाने पर नोटिस दिया गया है।