संघ ने कहा- मणिपुर में स्थिति चिंताजनक, सरकार को निर्णय लेने की जरूरत
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 3 दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक का शनिवार को समापन हो गया। संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि मणिपुर में स्थिति चिंताजनक है, सरकार को निर्णय लेने की जरूरत है, क्योंकि संघर्ष दो समुदायों के बीच है। वैद्य ने कहा कि मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है और हमारे स्वयंसेवकों ने बैठक में हमें यही बताया। हम सभी अपना काम कर रहे हैं। लेकिन, कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जो संघर्ष है, उसके लिए सरकार को निर्णय लेना होगा। आरएसएस के काम के हिस्से के रूप में, हमारे स्वयंसेवक दोनों समूहों के संपर्क में हैं और दोनों के लिए सेवा कार्य किया जा रहा है।
इंडिया और भारत पर कहाकिसी भी देश के दो नाम नहीं
हाल ही में उठे इंडिया और भारत नामकरण विवाद पर वैद्य ने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत नाम का सभ्यतागत मूल्य है और यही कारण है कि इसे केवल भारत ही होना चाहिए। आरक्षण को लेकर आरएसएस के रुख पर वैद्य ने कहा कि भारत में एससी/ एसटी के लोग दशकों से सम्मान, सुविधाओं और शिक्षा से वंचित थे। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए संविधान के अनुसार जो भी आरक्षण है, दिया जाना चाहिए। साथ ही इस सामाजिक असमानता को दूर करने के प्रयास भी किये जाने चाहिए।
समाज में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, अच्छी पहल
बैठक में चर्चा किए गए मुख्य मुद्दों पर वैद्य ने कहा कि बैठक में 36 विभिन्न संगठनों के 246 प्रतिनिधि उपस्थित थे। वे सभी इस बात पर सहमत थे कि किसी भी समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है। समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो सराहनीय है। महिलाओं की अधिक भागीदारी के लक्ष्य को प्राप्त करने हमने 2025 तक देशभर में 211 सम्मेलन आयोजित करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 12 प्रांतों में 73 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें 1.23 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया है।