केरल के पद्मनाभ मंदिर में संघ प्रमुख भागवत की महारानी से ‘सीके्रट’ चर्चा

संघ का ऑपरेशन दक्षिण: तमिलनाडु व तेलंगाना में जनाधार बढ़ाने का रोडमैप

केरल के पद्मनाभ मंदिर में संघ प्रमुख भागवत की महारानी से ‘सीके्रट’ चर्चा

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब लोकसभा चुनाव के पहले तमिलनाडु और तेलंगाना में अपना वर्चस्व बढ़ाने के रोडमैप पर काम शुरू कर दिया है। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की तिरुवनंतपुरम यात्रा और उनकी त्रावणकोर राज परिवार की महारानी अश्वथी थिरुनल थम्पुरत्ती से ‘सीके्रट’ पर हुई चर्चा के निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं। भागवत ने तिरुवनंतपुरम स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। देश में भगवान विष्णु के प्रमुख मंदिरों में से एक प्राचीन श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर अपने रहस्यमय तहखाने और अनमोल मणि हीरा-जवाहरात व सोने के ढेर और बेशकीमती दुर्लभ मूर्तियों के कारण सुर्खियों में रह चुका है। मंदिर परिसर में भागवत ने सुबह साढ़े छह बजे पहुंचकर विधि विधान से पूजा की। इस मौके पर महारानी अश्वथी थिरुनल थम्पुरत्ती ने मंदिर के इतिहास पर अपनी पुस्तक भागवत को भेंट की।

केरल हाईकोर्ट ने लगाई थी ड्रिल पर रोक

संघ सूत्रों का कहना है कि भागवत की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पिछले महीने ही केरल हाईकोर्ट ने तिरुवनंतपुरम के श्री सरकारा देवी मंदिर में आरएसएस की ड्रिल और हथियार प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि मंदिर में संघ ड्रिल व हथियारों की ट्रेनिंग कराता है। संघ के कई दिग्गज पहुंचे : यह पहला मौका है, जब संघ प्रमुख के साथ सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, अभा कार्यवाहक सदस्य भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, अरुण कुमार और मुकुंद जैसे दिग्गज पदाधिकारी भी तिरुवनंतपुरम पहुंचे। भागवत की यात्रा ऐसे समय हुई है, जब तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके की उप महासचिव कनिमोझी ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर 14 अक्टूबर को चेन्नई में बड़ा सम्मेलन बुलाया है। इसमें इंडिया गठबंधन की महिला नेत्री सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और पीडीए प्रमुख महबूबा मुμती एवं राकांपा की सुप्रिया सुले सहित अन्य दल की नेत्रियां भी शामिल होने वाली हैं।