संगीतधानी ग्वालियर सुर-साज से महक उठा, रिचा शर्मा की संगीत सभा आज शाम
ग्वालियर। संगीतधानी ग्वालियर की फिजाएँ शुक्रवार की शाम सुर-साज की मीठी संगत से महक गईं। मौका था विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह के अंतर्गत पूर्व रंग कार्यक्रमों की श्रृंखला में संगीत की नगरी ग्वालियर में एक साथ सजीं 15 स्थानों पर महफिलों का सजीं तो मानो सुरों का उत्सव साकार हो उठा। इन सभाओं में ग्वालियर के वरिष्ठ और उदयीमान कलाकारों ने ऐसे सुर छेड़े कि दिसम्बर की सर्द सांझ सुरों का संपर्क पाकर गर्माहट का अहसास करा गई। तानसेन समारोह के इतिहास में यह पहला अवसर था, जब सुरों की नगरी ग्वालियर में इतनी बड़ी संख्या में वह भी एक साथ संगीत सभाएं हुई हो।
रचित भजन पर गूंजने लगा जय विलास पैलेस
जयविलास पैलेस में सजी तानसेन संगीत महफिल में पं. श्रीराम उमड़ेकर का सितार वादन एवं पं. उमेश कंपूवाले का खयाल गायन हुआ। सभा की शुरूआत पं. उमेश कंपूवाले के गायन से हुई। उन्होंने राग मधुवंती में अपना गायन पेश किया। इस राग में उन्होंने दो बंदिशें पेश की। एक ताल में निबद्ध विलंबित बंदिश के बोल थे- ''पिया घर नाहीं जबकि तीन ताल में द्रुत बंदिश के बोल थे- ''तुम्हारे दरस बिन...। इसी राग में आपने तराना भी पेश किया। इसके पश्चात महादजी सिंधिया द्वारा रचित भजन- ''अरि गिरधर सौ कौन लरी और माधवराव प्रथम पर लिखी गई स्तुति भी पेश की। गायन का समापन उन्होंने मराठी अभंग से किया। आपके साथ तबले पर पांडुरग तैलंग एवं हारमोनियम पर अक्षत मिश्रा ने साथ दिया। अगली प्रस्तुति में पं. श्रीराम उमड़ेकर का सितार वादन हुआ। उन्होंने राग चारुकेशी में अपने वादन की प्रस्तुति दी। आलाप, जोड़ से शुरू करके उन्होंने क्रमश: मत्त और तीन ताल में दो गतें पेश की। आपके साथ तबले पर कुणाल मसूरकर ने साथ दिया।
इंटक मैदान में आज शाम सजेगी पूर्वरंग गमक की संगीत सभा
विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह-2023 के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर में पूर्वरंग के कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं। इसी कड़ी में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 23 दिसंबर को शाम 7 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग गमक की संगीत सभा सजेगी। गमक में विश्व विख्यात भजन व सूफियाना गायिका रिचा शर्मा की प्रस्तुतियां होंगीं। दुनियाभर में सूफियाना व भक्ति संगीत का परचम लहरा रहीं रिचा शर्मा बॉलीवुड फिल्मों में भी कई हिट गीत गा चुकी हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्म ताल,जुबैदा, साथिया, कल हो न हो, बाबुल जैसी हिट फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी है।
उनके सूफियाना कलाम, भजन एवं गीतों से 23 दिसंबर की शाम भक्तिमय और संगीतमय होगी। गमक से पहले कला यात्रा निकलेगी। यह कला यात्रा पारंपरिक रूप से किलागेट से शुरू होकर गमक आयोजन स्थल इंटक मैदान हजीरा तक पहुंचेगी। राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम व पुलिस के सहयोग से आयोजित हो रहे समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। समारोह में शहर के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, संगीत प्रेमियों एवं पत्रकारगणों को आमंत्रित किया गया है। समारोह पूर्णत: नि:शुल्क है।