फरवरी के अंत तक टेबलेट नहीं खरीदने वाले शिक्षकों का रुक सकता है वेतन

फरवरी के अंत तक टेबलेट नहीं खरीदने वाले शिक्षकों का रुक सकता है वेतन

जबलपुर। जिले के शासकीय स्कूलों को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से पहली से पांचवी कक्षा तक के पढ़ाने वाले शिक्षकों को मार्च के अंत तक टैबलेट खरीदना होगा। ऐसा नहीं करने पर शिक्षकों की अगले माह का वेतन रुक सकता है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि टैबलेट खरीदने के लिए विभागाधिकारियों से एडवांस मांगा गया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्थिति में अग्रिम राशि नहीं मिलेगी, शिक्षकों को अपनी जेब से यह खरीदना होगा, हालांकि टैबलेट खरीदने के बाद यह राशि विभाग द्वारा दी जाएगी।

जानकारी के अनुसार मप्र शासन ने जिले के प्राथमिक स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों को ये टेबलेट 25 फरवरी तक खरीदना थे लेकिन अभी तक शिक्षक टैबलेट के बारे में समझ ही नहीं पाए हैं। इसलिए अब 31 मार्च तक का समय शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए दिया है। शिक्षक जब टैबलेट खरीद लेंगे तो संबंधित टैबलेट खरीदने का जीएसटी बिल शासन के पास भेजेंगे।

बैंक खाते में आएगी टेबलेट की राशि

शासन संबंधित शिक्षक के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की राशि भेजेगा। इन टैबलेट का उपयोग पढ़ाई लिखाई के लिए तो करना ही होगा, साथ ही स्कूलों में खर्च होने वाली राशि के बिल भी इसी टैबलेट के जरिए अपलोड करना होगा। ये टेबलेट शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण, ऑनलाइन मीटिंग, लर्निंग डिजिटल आदि कार्यक्रमों में भी उपयोग होंगे।

अधिकारियों को शासन उपलब्ध कराएगा टेबलेट

मप्र शासन द्वारा शिक्षा विभाग में स्कूलों की मॉनीटरिंग करने वाले शिक्षकों को खुद टैबलेट खरीदकर देगा। जबकि जिले में 39 जनशिक्षक, बीआरसी, बीएसी को विभाग द्वारा टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि अधिकारी स्कूलों की मॉनीटरिंग आसानी से कर सकेंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारी टैबलेट के जरिए प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर सकेंगे। शिक्षकों की ऑनलाइन स्थिति भी जान सकेंगे। शासन से प्राप्त निर्देश भी ऑनलाइन टैबलेट के जरिए सीधे प्राथमिक शिक्षकों तक भेज सकेंगे।

शासकीय प्राथमिक स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों को विभाग ने टैबलेट खरीदना अनिवार्य किया है। 31 मार्च से टैबलेट नहीं खरीदने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने की तैयारी विभाग कर रहा है। घनश्याम बर्मन, परियोजना अधिकारी, राज्य शिक्षा केंद्र।